Wednesday, June 3, 2009


टेªन यात्रा ना बाबा ना.....


न सुरक्षा और ना हीं आरामदायक यात्रा। जी हां सुरक्षा और यात्रा के लिए टेªनों की एसी कोच में हीं यात्रा करना पसंद करते हैं यात्री। लेकिन यकिन मानिए अब इन बोगियों में भी असुरक्षा का माहौल है। एसी बोगियों में लफंगों का शिकार होना आम हो गया है।
सीट एक और यात्रा करते वक्त बैठने के लिए तेरह करते हैं तकरार। चैंकिए मत। यह कड़वा सच है। आप हीं देखिए दानापुर रेलमंडल पर दौड़ती गाड़ियों के एसी बोगियों का नजारा। बिना रोक-टोक एसी बोगी में यात्रा करने वाले बिना टिकट यात्री बैठते वक्त शेखी बघारते हैं। टीटीई बाबू ने टिकट मांगी तो आरा जाना है कहते हैं। बेटिकट यात्रियों का खौफ ऐसा कि बोगियों का दरवाजा नहीं खोलते कोच अटेंडेंट। गलती से खुल गई तो नजारा किसी राहत शिविर से कम नहीं।
ये है साहेबगंज इंटरसिटी। जिसमे एक मात्र एसी चेयरकार बोगी है। सभी सीटों पर यात्री हैं। इससे ये मत समझिए कि टेªेन फूल है। ये आपकी गलतफहमी है, क्योंकि इसमें 90 फीसदी अनअथराइज्ड लोग हीं हैं। इन मनचले लफंगों को देखिए। अपनी मोबाइल पर बजते गाने...दीवानी मैं दीवानी...पर झुमने के साथ उल्टी-सीधी बातें भी करते हैं। और हो भी क्यों नहीं इसमें यात्रा करने वाली अधिकांश महिलाऐं जो हैं।
अरे बाप! ये क्या इन किन्नरों को देखिए। ये तो जैसे अपना घर हीं समझ बैठे हैं और दातुन कर अपने जलवे के साथ पैसे एंठेंगे। ऐसा नहीं कि रेल प्रशासन इन पर रोक लगाने में सक्षम नहीं। पर करे तो क्या, टीटीई अपनी नौकरी करें या लफंगों से जुझें। क्योंकि इन्हें तो डेली इसी रास्ते डयूटी बजानी है। फिर आफत कौन मोल ले।
इस तरह यात्रियों के आतंक सभी बोगियों पर है। इस पर शिकंजा कसना कठिन नहीं तो आसान भी नहीं है। इसमें पैसेन्जर या बड़ी टेªनों का समय पर परिचालन न होना भी बड़ा कारण है।

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....