90 प्रसेंट रेल थाने नक्सल प्रभवित
झारखंड की रेल पुलिस नक्सलियों से मुकाबला करने के लिए बस लाठी के सहारे है। यहां के 90 प्रसेंट रेल थाने
नक्सल प्रभवित इलाकों में आते हैं पर इन थानों में संसाधनों का धोर आभाव है।
ये डांल्टेनगंज का रेलवे थाना है। यहां यात्रियों को सुरक्षा देने के लिए तैनात है ये पुिलस वाले। पर हथिहार के नाम पर इनके पास है तो बस लाठी। ये हालत सिर्फ डाल्टेनगंज रेलवे थाने की नहीं। झारखंड के सभी रेल थानों का यही हाल है।
व्ह भी तब जबकि यहां के 90 प्रसेंट थाने नक्सल प्रभवित इलाकों में आते हैं। ऐसे में यहां यात्रियो की सुरक्षा भगवान भरोसे ही नजर आती है।
ऐसा नहीं कि पुलिस की यह हालत सरकार को नजर नहीं आती । पांच साल पहले सूबे के कई थानों को हाईटेक करने की योजना सरकार ने बनाई थी पर इसपर आज तक अमल नही हो पाया। प्रयाप्त हथिहार न होने के कारण नक्सली
आराम से इन इलाकेां में रेलवे को समय- समय पर निषाना बनाते रहते हैं।
सरकार के बेपरवाह रवैये से जहां के यात्रियों की सुरक्षा पर तो सवालिया निषान लगा है वहीं आय दिन पुलिस वाले नक्सलियों के हमले का षिकार भी हो रहे हैं।
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