लेट लतीफ योजना
विकास के लिये समय-समय पर योजनाएं बनाई और चलाई जाती हंै। लेकिन किसी ना किसी कमी की वजह से ये योजनाओं पर ग्रहण लग जाता है। स्व रोजगार को बढ़ावा देने और ऋण की राषि का सदुपयोग करने के लिये नाबार्ड द्वारा चलाई गई रूडसेटी योजना का भी यही हाल है।
रूडसेटी योजना के तहत बैंक अपना स्कूल खोलते हैं। इन स्कूलों में व्यवसाय शुरू के करने के लिये ऋण लेने वाले युवकों को टेªनिंग दि जानी थी। ताकि व्यवसाय भी फले-फूले और कर्ज वापस लेने के में बैंकों को परेषानी ना हो। लेकिन ये दीगर बात है कि तीन साल पहले शुरू हुई ये योजना अब तक पांच जिलों में ही सिमट कर रह गई है। वजह है जमीन की कमी होना। हालांकि बैंक अधिकारियों को किराये के मकान में इस योजना को चलाने के निर्देष दिये गये थें, लेकिन बैंक अधिकारियों ने इसे अनसुनी कर दी।
बैंक अधिकारी इसके लिये अधिकारियों की कमी का भी रोना रोते हैं। भूमि के अलावा उनका कहना है कि बैंकांे के पास इस योजना को चलाने के लिये आवष्यक लोगों के नहीं होने से इसे संचालित करने में भारी परेषानी का सामना करना पड़ता है।
भारतीय स्टेट बैंक और पीएनबी सहित इक्के-दुक्के बैंको ने अब तक पांच जिलों में किसी तरह ये योजना शुरू की। रूरल डेवलपमेंट एन्ड सेल्फ् इम्प्लायमेंट टेªनिंग इंस्टीच्यूट योजना को बैंक अधिकारियों की अनदेखी ने आज फ्लाॅप कर दिया है।
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