कहां गई बापू की कार
कहां गई वो विदेशी फोर्ड लाल रंग की कार जो बापू केा तोहफे में मिला था। मोतिहारी के नामचीन स्वतंत्रता सेनानी देवीलाल साह ने करोड़ों की भूमि के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को आजादी से पहले भेंट दिया था।
इस खाली पड़ी मोतिहारी की भूमि को देखिए। ये वही भूमि है जिसे बापू को देवीलाल ने दी थी। लेकिन आज यह अतिक्रमणकारियों की चपेट में है। इस जगह पर कांगे्रस पार्टी की जिला कार्यालय प्रजापति आश्रम में बदल गया है। परन्तु इस आश्रम में बापू के सभी सामान है। पर वो विदेशी फोर्ड कार अब नजर नहीं आ रहा है।
इस धरोहर की रक्षा के लिए राष्ट्रपति से लेकर बिहार के राज्यपाल, मुख्यमंत्री को 07 मार्च 2009 को आवेदन दिया गया था। दिए गए आवेदन में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रपिता गांधी की मोतिहारी में रखी गई संग्रहालय की वस्तुएं आखिर विदेश कैसे पहुंच गई। और अब तो उसके निलामी तक की बात होने लगी है जो देश के लिए शर्म की बात है।
इसकी खबर लगते ही गृह मंत्रालय ने संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त सचिव को पत्र भेजकर आवश्यक कार्रवाई के आदेश दिए हैं। अब देखना ये है कि इस पर कितना अमल हो पाता है।
No comments:
Post a Comment