Saturday, June 13, 2009

छात्राओं की गुहार का असर

सरकारी स्कूलों से अक्सर क्लास में षिक्षकों का नहीं आने और उचित संसाधनों के नहीं होने की षिकायतंे सामने आती रहती हैं। फिर भी हम हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं । रिजल्ट यह होता है कि चीजें जस की तस रहती हैं। लेकिन डुमरंाव की छात्राएं ऐसी नहीं जो हाथ पर हाथ रखकर बैठ जायें।

ये है महरानी उषा रानी बालिका हाई स्कुल की छात्राएं। देखने मंे ये भले ही आम लग रही हो, लेकिन इन लड़कियों ने सबके लिए एक मिषाल कायम की है। इन लडं़कियों ने जनता दरबार में मुख्यमंत्री के सामने चिल्ला चिल्ला कर अपने स्कूल कि हालत बताई। किसी ने कहा मरम्मत नही नया भवन बनवाईये, तो किसी ने कहा बिजली नहीं है। आखिर क्यों न कहती मामला उनके भविष्य के साथ जुड़ा हुआ जो है।
दरसल इन छात्राओं का कहना है उनके विद्यायल का भवन जर्जर हो चुका है और कभी भी गिर सकता है। कई छात्राओं को प्लास्टर के टूटने से चोटंे भी आई हैं। मुख्यमंत्री के सामने इन बातों को रखते हुए छात्राओं ने दसवीं के बाद पढ़ाई में आने वाली मुष्किल के कारण प्लस टू की पढ़ाई की व्यवस्था करने की भी मांग की है।
हाई स्कूल की छात्राओं के गुहार लगाने के बाद मुख्यमंत्री ने मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान अंजनी सिंह को फोन लगाया उन्हें तुरंत आने के आदेष दिए। यहां तक कहा कि वे फलाईट का इंजार ना करें ट्रेन से ही आ जाएं। सीएम ने षिक्षा विभाग के अधिकारियों को तुरंत विद्यालय का मुआयना करने को भी कहा।
अपने स्कूल की हालत सुधारने और अपने भविष्य को संवारने की इन लड़कियों की कोषिष वाकई काबिले तारीफ है। मिषाल हैं ये, जवाब है ये उनसब के लिए जो बदलाव तो देखना चाहते है लेकिन खुद आगे नहीं आते।

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....