Sunday, June 21, 2009






एक षाम मधुकर के नाम

पटना का नृत्यकला मंदिर इन दिनों कलाकारों की कला के कद्रदानों का केन्द्र बन चुका है। इसी कड़ी में मषहूर कत्थक कलाकार मधुकर आनंद की याद में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
भारतीय नृत्य कला मंदिर जहां देष- भर से आये कत्थक कलाकारांे की टोली मषहूर कत्थक कलाकार मधुकर आनंद को श्रद्धांजलि देने के लिए जुटी । इस मौके पर आये कलाकारों ने अपने नृत्य से समां बांध दिया।
इस आयोजन के दौरान मधुकर आनंद के पुत्र आर्यव की नृत्य प्रस्तुति ने सब का मन मोह लिया। अपने पिता केा आदर्ष मानने वाले आर्यव का कहना है कि भी अपने पिता की ही तरह कत्थक नृत्य के क्षेत्र में देष- विदेष में नाम कमाना चाहता है।
इस आयेाजन के दौरान मधुकर आनंद के साथ काम कर चुके कई कलाकारों को सम्मानित भी किया गया। इस आयोजन को देखकर यही कहा जा सकता है कि तेज रफ्तार के इस युग में गंभीर कलाआंें को भूलते जा रहे लोगों केा अपनी मिट्टी से जोड़ने की ये अच्छी कोषिष रही।

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....