रैगिंग का भूत
सरकार के लाख चाहने के बाद भी रैगिंग का भूत सीनियर छात्रों के सिर से उतरने का नाम नहीं ले रहा और इसका खामियाजा जूनियर छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। कल रैगिंग से क्षुब्ध तिलैया सैनिक स्कूल के एक छात्र ने आत्महत्या की कोषिष की।
सदर अस्पताल में जिंदगी और मौत से जुझता ये रोहित है। रोहित तिलैया सैनिक स्कूल का छात्र है। रैगिंग से तंग आकर इसने अपने हाथ और पैर की नसें काट कर आत्महत्या की कोषिष की।
रोहित छुट्टी में अपने घर जसीडीह आया था। वही खाना खाने के बाद उसने यह कोषिष की। उसके घरवालों का कहना है कि रोहित को पिछले दो माह से सीनियर छात्र रैगिंग के नाम पर उसे तंग करते थे। रोहित से सीनियर अपना कपड़ा धुलवाते और उसे पीटते थे। रोहित इससे काफी दुखी था।
सरकार ने रैगिग को रोकने के लिए कई कानून बना रखे हैं पर इस कानून का खैाफ छात्रों में नहीं दिखता। जरूरत है रैगिंग को लेकर छात्रों को अंदर से जागरूक करने की। वरना रोहित जैसे छात्र ऐसे ही इसका षिकार होते रहेंगे।
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