बिहारी छात्रों के अपमान
अब बात महाराष्ट्र में बिहारी छात्रों के अपमान की। पिछले दिनों पुणे में एक इंटरव्यू के दौरान बिहारी छात्रों से अपमानजनक सवाल पूछे जाने के मामला राजनीतिक रंग लेने लगा है। बिहारी छात्रों के अपमान के मामले पर एक बार फिर बिहारी नेता एक मंच पर आते नजर आने लगे हैं। लालू प्रसाद हों या नीतीश कुमार दोनों ने एक स्वर से इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा तो की है साथेसाथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और भारत सरकार के गृह मंत्री को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की है।
बिहारी छात्रों पर क्षेत्रवादी हमले फिर तेज हो गए हैं। अब तो बुद्धिजीवियों द्वारा भी बिहार के छात्रों के साथ अपमानजनक टिप्पणी करने लगे हैं। पुणे में लाॅ के एक संस्थान में टेस्ट देने गए बिहार के छात्रों से आपत्तिजनक सवाल किए गए। छात्रों से पूछा गया कि क्या आप सहमत हैं बिहार अपराध की राजधानी है। दूसरा सवाल था कि बिहार के लोग महाराष्ट्र में अपराध करने आते हैं। बिहार के मुख्यमंत्री ने इस सवाल को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चैहान और गृह मंत्री पी. चिदंबरम को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले पर अपनी कड़ी आपत्ति जाहिर की है।
बिहार के छात्रों के साथ बुद्धिजीवियों द्वारा इस तरह के आपत्तिजनक सवाल से नीतीश कुमार काफी आहत हैं। नीतीश कुमार ने कहा देश एक है, किसी को भी कहीं जाने का अधिकार है। बिहार के लोग देश भक्त होते हैं और वे नवनिर्माण की बात करते हैं न कि देश को तोड़ने की। नीतीश कुमार ने इस मामले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को सार्वजनिक रुप से निंदा करने की भी बात कही है।
बिहारी छात्रों के साथ महाराष्ट्र में इस तरह के अपमान का मामला अब राजनीतिक रंग लेने लगा है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पटना लौटने पर बिहारियों के साथ हो रहे लगातार अपमान की कड़ी निंदा की है।
राजनीतिक तौर पर ये मामला चाहे जो रंग ले लेकिन इतना तो सच है कि एक भारतीय होने के नाते किसी को भी किसी राज्य में जाकर रहने और काम करने की आजादी है। फिर समय-समय पर बिहार के लोगों के साथ अन्य राज्यों में दूसरे दर्जे का व्यवहार क्यों?
No comments:
Post a Comment