समर स्पेशल-हाल बूरा
टेªनों में रिजर्वेशन का मतलब आराम से यात्रा करना होता है। लेकिन आप रिजर्वेशन कराए हों, गाड़ी समय पर नहीं आए और आए भी तो रिजर्वेशन की जगह जेनरल बोगी लगी हो, तो पैसेन्जर का क्या हाल होगा, आप खुदे समझ सकते हैं।
छपरा जंक्शन पर टेªन जैसे ही आकर लगी, पैसेन्जरों में अफरा-तफरी मच गई। क्योंकि दरभंगा से चलने वाली 0423 समर स्पेशल में एस-8 स्लीपर बोगिए नहीं लगी थी। पैसेन्जर आपे से बाहर हो गए। हो भी क्यों नहीं एक तो उमस भरी गर्मी, उपर से रिजर्वेशन वाली बोगिए नहीं है। ऐसे में अपने मंजिल तक पहुंचने से पहले हीं यात्रियों के हलख सुखने लगे हैं। इन बेचारों का टिकट कनफर्म है। फिर भी जेनरल में यात्रा करना इनकी मजबूरी है।
रेलवे एक व्यवसाय है, यात्रियों के लिए सुविधा मुहैया करवाना उसकी ड्यॅटी है। पर यहां तो यात्रियों की सुविधा के दावा करने वाली रेलवे फिसड्डी साबित हो रही है। यात्रियों की असुविधा की बात को छपरा के स्टेशन अधीक्षक भी मान रहे हैं। उपर से ये कह कर अपना पिण्ड छुड़ा रहे हैं, कि पैसा रिफंड कर दिया जाएगा। जबकि इसी गाड़ी में छपरा बनारस जोन के डीआरएम का सैलून भी लगा हुआ है।
यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के दावा करने वाला रेलवे, आला अफसरों का सैलून लगाना तो नहीं भूला, लेकिन ई का जिन यात्रियों से आमदनी होती है। उनके साथ इतनी बड़ी भूल करना रेलवे की कौन सी अदा है।
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