आसमान छुती महंगाई
तमाम अटकलों को सही साबित करते हुए 6 जून को मुद्रास्फिति की दर षून्य से नीचे पहुंच गई। बावजूद इसके रोजमर्रा के चीजों के दाम अभी भी आसमान छू रहे हैं। जिससे आम आदमी को मंहगाई से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। सरकारी आंकड़ों में भले ही महंगाई दर षून्य के नीचे पहुंच गई हो, लेकिन लोग अभी भी परेषान दिख दे रहे हैं। जरूरियात के खाद्य वस्तुओं की कीमतों में लगातार उछाल जारी है। इसी वजह से दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ कम दिखाई पड़ रही है। बाजारों की रौनक जहां खत्म हो गई है, वहीं रोजमर्रा के लिए सामान खरीदने में पसीना छूट रहा है कमर तोड़ महंगाई के चलते लोगों को अपनी जरुरतों में कटौती करनी मजबूरी बन गई है।
मुद्रास्फीति की दर ने गिरावट के मामले में 32 वर्षों का रिकाॅर्ड तोड़ दिया है। लेकिन कोई भी इंसान करे तो क्या ? उसे अपने पेट की आग बुझाने के लिए रोजमर्रा के सामानों को तो खरीदना हीं पड़ेगा। सबसे बड़ी बात तो ये है कि महंगाई घटने की बजाए आसमान ही छुता जा रहा है। इतना के बाद भी आम जनता के लिए सरकार कोई मुकम्मल इंतजाम नहीं कर पा रही है। बहरहाल बात चाहें जो भी हो लेकिन इतना तो तय है कि इस मुद्रास्फिती के गिरने के बाद भी खाद्य पदार्थों की कीमत में कमी न होने से जीना मोहाल हो गया है।
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