Thursday, June 18, 2009

काॅर्न काब्स से बिजली उत्पादन कर दिखाया

दिल में जज्बा हो तो दुनियां का कोई भी काम आसान हो सकता है। अगर उसे वक्त पर सलीके से संवारी जाए। कुछ ऐसा ही किया बिहार के योगेन्द्र ने । काॅर्न काब्स का यूज करके बिजली उत्पादन कर दिखाया। जिसके लिए लंदन की एशडेन संस्था ने उसे सम्मानित किया।
बिहार के सारण जिला के रेपुरा गांव के योगेन्द्र। जिन्होंने दुनियां की पहली ऐसी कंपनी बनायी है, जो बिजली उत्पादन के लिए कच्चे माल के रूप में कार्न काॅब्स का इस्तेमाल करती है। इसके अलावे इसमें लकड़ी और कृषि के अन्य उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है।
बिना पर्यावरण को क्षति पहुंचाए स्थायी विकास करने की चाहत रखने वाले योगेन्द्र को लंदन की एशेडन नामक एक चैरिटी संस्था ब्रिटेन और विकासशील देशों में पर्यावरण संरक्षण जीवन सुधार लाने वाले प्रोजेक्ट के लिए यह अवार्ड देती है। ग्रीन आॅस्कर की तरह इस अवार्ड के रूप में योगेन्द्र को 20 हजार पौंड दिया गया है।
बायोमास से बिजली उत्पादन के लिए नये ग्रौसिफिकेशन सिस्टम के आविष्कार ने 55 वर्षीय योगेन्द्र प्रसाद को इस मुकाम तक पहुंचाया है। सारण रिन्यूबल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन ने 2008 से इस तकनीक से बिजली पैदा कर उसकी बिक्री लगातार जारी है।
गांव की पगडंडियों से निकलकर इंग्लैण्ड पहुंची इस प्रतिभा का लोहा पूरी दुनियां को एक बार फिर मानना पड़ा कि बिहार प्रतिभाओं का भंडार है। बस जरूरत है तो इसे सजाने संवारने की।

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....