हौसले बुलंद हो तो -----
क्या कभी अपने मौत से खिलते हुए देखा है ,मौत का खेल जिसमे खीलाडी अपने हथली पर मौत को लेकर चलते है इन देनो रांची के जगरनाथ mela में ये खूब वह वही बटोर रहा है मो अफरोज आलम महज दस साल से इनपर रिस्क उठाने का ऐसा जूनून छाया की ये मौत का खेल ही खेलना शुरू कर दीये और कंधे पर घर को चलाने जिम्मेदारी ने यह करने पर मजबूर भी कर दीया अपने जीवेका और घर का खर्च को चलाने के लिये इनके जैसा और भी कई यूवक ऐसे है जो इस खेल से जुड़ गए और इस जानलेवा और दिल को दहलादेने वाले खेल को करते समय इन खेलादेओ के चेहरे पर कही भी कोइ सीकन नहीं दीखती है बेरोजगारी आदमी से क्या नहीं करवाती है पर इंसान के हौसले बुलंद हो तो वो कुछ भी कर सकता है इसी हौसले के पुजारी है ये मौत के खीलाडी
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