Sunday, June 14, 2009

लड़की होने की सजा

कहते हैं कि लड़की लक्ष्मी का रूप होती है। जिस घर में पैदा हो गई उस घर का भाग्य ही संवर जाता है लेकिन इस अभागिन को तो जन्म लेते ही लड़की होने की सजा मिल गई। वो ये कि पैदा होते ही मां ने फेंक दिया। जी हां दरभंगा में एक बेदर्द मां मासूम बच्ची को पैदा कर सड़क के किनारे फेंक दिया और खुद लापता हो गयी।
यूं तो मैं घबराता नहीं पर अंधेरों से डरता हूं मैं मां इस बच्ची को देखिए कितना खुश है इसको क्या मालूम कि ई कहां पल बढ़ रही है। इसको तो बस मां की गोद चाहीए। दरभंगा के हाॅस्पीटल रोड से बरामद की गई है ये बच्ची। जिसको हास्पीटल का ही कोई शख्स उठाकर इहां ले आया है।यह इहां के निजी नर्सिंग होम में पल बढ़ रही है,लेकिन उस मां की ममता को क्या नाम देंगे ,जो 9 महीने से अपने को कष्ट देकर इस बच्ची को पैदा की और जब समय मां की गोद का आया तो फेंक दी। वो भी सिर्फ इसलिए कि वह लड़की पैदा हुई।
क्या बेटी होना पाप है? कैसी बेदर्द मां थी वह जिसको अपने कलेजे के टुकड़े को फेंकते हुए थोड़ा भी दर्द नहीं हुआ। जब मां की गोद सूनी रहती है तो बच्चे के लिए कहां-कहां नहीं भटकती फिरती है और जब उस बेदर्द औरत को मां बनने का मौका मिला तो वह अपनी बच्ची को फेंक दी।
अगर ऐसे ही बेटी को पैदा करके फेंक दिया जाए तो एक बेटी का भगवान से बस यही प्रार्थना होगा कि अगले जनम मोहे बिटीया ना किजो।

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....