Thursday, June 18, 2009

अकेले रह जाऐंगे लालू ?

कभी अपने मजबूत कुनबे की बदौलत राज्य में पन्द्रह वर्षों तक शासन करने
वाले लालू का कुनबा धीरे धीरे बिखडने लगा है। सूबे में सत्ता परिवत्र्तन से
लेकर आज तक लालू के कुनबे का टूटना जारी है।ऐसे में सबके जेहन में एक
ही सवाल उठ रहा है कि क्या अकेले रह जाऐंगे लालू ?
छोटे कार्यकत्र्ता को अगर नेता बनाने की हिम्मत अगर किसी में है तो वो हैं लालू।
फर्श से अर्श तक का सम्मान अगर किसी में दिलाने की छमता है तो
वो हैं लालू। लेकिन कभी अपने कार्यकत्र्ताओं के आयडल रहे लालू
अब अपने ही लोगों की नजरों में जंॅच नहीं रहे। यही कारण है कि एक एक
कर उनके सिपहसालार उन्हें छोड कर जा रहे हैं। मंगलवार को भी राजद के
एक वरिष्ठ नेता ने लालू का दामन छोड नीतीश का दामन थाम लिया।
यह कहानी शुरू होती है लालू के खासम खास रहे रंजन यादव के
पार्टी छोडने के बाद से ।लालू जब चारा घोटाले में जेल गये तो
उन्होंने राबडी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया।लालू पर परिवारवाद का
आरोप लगा क्योंकि पहले ही लालू अपने दोनों सालों पर काफी मेहरबान थे।
जो लालू के करीबी थे वे लालू के सालों के रवैये से खुश नहीं थे।
असंतोष धीरे धीरे बढता गया।इसी असंतोष का कारण था कि कई नेता
अपने को अपमानित महसूस करने लगे इसी कडी में रंजन के बाद शिवानंद
ने भी लालू को अलविदा कह नीतीश का दामन थाम लिया और नौबत यहां
तक आ गयी कि जिस साले को लालू ने सर आंखों पे बिठाया उसी ने उन्हें
धोखा दे दिया।
रही सही कसर लोकसभा में निकल गयी जब टिकट बंटवारे को लेकर
लालू की नीतियों के खिलाफ कई नेता मुखर होकर न केवल सामने
आये बल्कि दूसरी पाटिर्यों के टिकट पर चुनाव भी लडा।इनमें महाबली सिंह,
रमा देवी, कैप्टन जय नारायण निषाद, रमईराम, साधू यादव के नाम शामिल हैं।
ये सारे लालू के विश्वस्तों में थे। ऐसा नहीं है कि लालू में आस्था रखने वालों
विश्वस्तों की संख्या खत्म हो गयी है।आज भी कई्र ऐसे नेता हैं जिनके लिए
लालू भगवान का दर्जा रखते हैं। लेकिन वे इस बात से भी इन्कार नहीें करते कि पार्टी के
अंदर सब कुछ ठीक ठाक चल रहा है।
लोकसभा चुनाव में लालू के गठबंधन और आए परिणाम ने लालू की पार्टी के अंदर असंतोष को काफी
बढा दिया है हलांकि सभी इस असंतोष को ढकने की कोशिश में लगे हंै
लेकिन गाहे बगाहे वह जाहिर भी हो रहा है । ऐसे में सवाल यह उठता है
कि असंतोष की इस हवा में क्या लालू अकेले रह जाऐंगे।

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....