कानून का दोहरा चहरा
क्या रसूख के आगे कानून की कोई कीमत नहीं , क्या कमजोर और ताकतवर के लिए बिहार में अलग-अलग कानून हैं ? अगर आपके पास पहुंच और पैरवी है तो बस दिखावे की सख्ती होगी और अगर नहीं है, तो आपके दरवाजे तक उखाड़ लिये जाएंगे। जी हां ! कुछ ऐसा ही हो रहा है सुशासन की सरकार में ।
उखाड़ लिया गया जब कि पूर्व सांसद विजय कृष्ण के घर से थोड़े-बहुत सामान उठाने की रस्मअदायगी की गई। गांव के मकान से केवल बोरिंग उखाड़ी गई। कहते हैं कानून ताकत वालों की चाकरी में रहता है। हाई प्रोफाइल विजय कृष्ण के मामले में कुछ ऐसा ही हो रहा है।
पुलिस विजय कृष्ण और उनके बेटेे चाणक्य को तो नहीं ही पकड़ पायी, कुर्की में भी खानापूरी ही कर रही है। दूसरी तरफ विजय कृष्ण के समर्थक गांव वालों को भड़का कर एक नया दबाव बना रहे हैं। उनके गांव के लोगों का कहना है पूर्व सांसद को राजनीति कारणों से फंसाया जा रहा है।
तस्वीरों की सच्चाई, कानून के दिखावे पर बार-बार चोट कर रही है , आंखों पर पट्टी बांधे न्याय की देवी यह देख तो नहीं सकती इस लिए सच का फैसला आप कीजिए।
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