Thursday, June 18, 2009

कानून का दोहरा चहरा

क्या रसूख के आगे कानून की कोई कीमत नहीं , क्या कमजोर और ताकतवर के लिए बिहार में अलग-अलग कानून हैं ? अगर आपके पास पहुंच और पैरवी है तो बस दिखावे की सख्ती होगी और अगर नहीं है, तो आपके दरवाजे तक उखाड़ लिये जाएंगे। जी हां ! कुछ ऐसा ही हो रहा है सुशासन की सरकार में ।
उखाड़ लिया गया जब कि पूर्व सांसद विजय कृष्ण के घर से थोड़े-बहुत सामान उठाने की रस्मअदायगी की गई। गांव के मकान से केवल बोरिंग उखाड़ी गई। कहते हैं कानून ताकत वालों की चाकरी में रहता है। हाई प्रोफाइल विजय कृष्ण के मामले में कुछ ऐसा ही हो रहा है।
पुलिस विजय कृष्ण और उनके बेटेे चाणक्य को तो नहीं ही पकड़ पायी, कुर्की में भी खानापूरी ही कर रही है। दूसरी तरफ विजय कृष्ण के समर्थक गांव वालों को भड़का कर एक नया दबाव बना रहे हैं। उनके गांव के लोगों का कहना है पूर्व सांसद को राजनीति कारणों से फंसाया जा रहा है।
तस्वीरों की सच्चाई, कानून के दिखावे पर बार-बार चोट कर रही है , आंखों पर पट्टी बांधे न्याय की देवी यह देख तो नहीं सकती इस लिए सच का फैसला आप कीजिए।

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....