समाज में छुआछूत का सिलसिला जारी
अब बात एक ऐसी घटना की जिसने साबित किया है भले ही आज सामाजिक समानता के लाख दावे किये जायें, लेकिन आज भी समाज में छुआछूत का सिलसिला जारी है। यह घटना है बिहारषरीफ जिले की जहां दबंगों ने एक आदमी को सिर्फ इसलिये पानी लेने से मना कर दिया कि वह समाज के दलित वर्ग से आता है।
हम 21 वीं सदी में जी रहे हैं । लेकिन क्या हम मानसिक स्तर पर इतने परिपक्व हो पाये हेंै कि समाज से सचमुच छुआछूत को मिटाने की बात पर अमल कर सकें। घटनाओं केा देखने से तो ऐसा लगता नहीं है। एकंगरसराय क्षेत्र के एकंगरडीह गांव के एक व्यक्ति को गांव के ही कुछ लोगों ने पानी भरने से मना कर दिया। बताया जा रहा है कि वह आदमी समाज के दलित वर्ग से आता है जिसकी वजह से ऐसा किया गया। रविदास ने बताया कि वो काफी गरीब हैं और उसके घर में पानी के लिए कोई
सुविधा नहीं है।
इस मामले को लेकर रविदास गांव के मुखिया के पास भी गया। लेकिन उसे वहां भी उसे न्याय नहीं मिला। हालांकि मुखिया ऐसी किसी भी घटना को सिरे से खारिज करते हैं और कहते हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
एक वो जमाना था जब किसी को पानी पिलाना पुण्य का काम समझा जाता था। लेकिन आज हम करते हैं आधुनिकता के तमाम दावे लेकिन इस तरह की घटनाओं केा देखकर तो ऐसा ही लगता है कि जमाना आगे बढ़ रहा है और हम पीछे की तरफ जा रहे हैं।
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