मीलो तक का सफर तय करते हैं।
भीषण गर्मी से बेहाल पटनावासियों के लिए पानी की किल्लत एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। भूमिगत जलस्तर के नीचे चले जाने से यह समस्या बहुत बढ़ गई है। उधर जल विभाग भी शहर में जरूरत के मुताबिक जल की आपूर्ति नही कर पा रहा है।
हैण्ड पंप पर लगे लोगों की यह भीड़ पानी लेने के लिए खड़े हैं। यह नजारा किसी एक हैण्ड पंप का नहीं है। इन दिनों अधिकतर हैंड पंपों के पास का यही नजारा होता है। घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद ही लोगों को थोड़ा सा पानी मिल पाता है। कई बार तो ऐसा होता है कि पानी की समस्या से जुझते ये लोग मीलो दूर तक का सफर भी तय करते हैं। अगर इनकी मानें तो सरकार एक बार हैंडपम्प लगवाने के बाद दुबारा इसकी सुध भी नहीं लेती है।
गौरतलब है कि शहर के करीब 16 लाख की आबादी को इन दिनों रोजाना 7500 लाख गैलन पानी की जरूरत है। मगर आपूर्ति महज 1200 लाख गैलन पानी ही हो पाती है। शहर में करीब 30 से 40 हजार हैंडपंप भी लगाए गए हैं, जिसमें से 15 से 20 परसेंट हैण्डपंप खराब ही रहता है। उधर शहर के महापौर का मानना है कि गर्मी में अक्सर ऐसा ही होता है।
जानकारों की माने तो हर साल गर्मी में भूमिगत जलस्तर भी 5 से 20 फीट और नीचे चला जाता है। जिससे आए दिन लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है।
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