कोर्ट बना अनोखा म्यूजियम
हाईकोर्ट मंे एक अनोखा म्यूजियम बनाया गया है। इस म्यूजियम में हाईकोर्ट के स्थापना काल से लेकर अब तक के दुर्लभ पांडुलिपियों और
धरोहरों को संभाल कर रखा गया है।
पटना हाईकोर्ट में बना अनोखा म्यूजियम। इस म्यूजियम में 1916 यानि हाईकोर्ट की स्थापना से लेकर अब तक के दुर्लभ पांडुलिपियो, धरोहरांे, और ऐतिहासिक वस्तुओं को सहेजा गया है। जहां डा. राजेन्द्र प्रसाद के हाथों से लिखी याचिका रखी गयी है तो पहले चीफ जस्टिस का पहला फैसला भी सहेजा गया है। सबसे चैकाने वाला दस्तावेज स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस और बैकुंठ शुक्ल को दी गई मौत की सजा से संबंधित है। इसके साथ ही 1944 की दीवाल घड़ी और आजादी के पहले के जजों का पेन स्टेंड भी रखा है।
इस म्यूजियम को बनाने के पीछे यह उद्धेश्य यह है कि एक तो इससे महत्वपूर्ण दस्तावेज महफूज रहेगे, साथ ही लोग इसे जान भी सकेंगे।
इस म्यूजियम को सिर्फ जजों एवं न्यायिक पदाधिकारियांे के लिए खोला गया है। पर जल्द ही इसे आम लोगों के लिए भी खोल दिया जाएगा। निसंदेह इस म्यूजियम का निर्माण एक महत्वपूर्ण पहल है।
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