बच्चे हक मांगने में पीछे नहीं
इसे मुख्यमंत्री को देखने की ललक कहें या फिर अपनी समस्याओं से सरकार को अवगत कराना। जी हां! जनता दरबार में बच्चों की भीड़ कुछ यहीं बयां कर रही थी। स्कूल में पढ़ने और दिन भर मस्ती मारने वाले नन्हें बच्चे भी सरकार से ़अपना हक मांगने में पीछे नहीं रहे।
जनता दरबार में आज जहां बड़े-बुजुर्ग अपनी समस्याओं के समाधान को लेकर मुख्यमंत्री से गुहार लगा रहे थे, वहीं बच्चे स्कूलों में षिक्षकों द्ारा की जा रही धांधली की षिकायत को लेकर सीधे मुख्यमंत्री के पास पहुंच गए। बच्चों की भीड़ देख मुख्यमंत्री भी हैरत में रह गए। तब उन्होंने बच्चों को बुलाया और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना।
स्कूली बच्चों की बात सुन मुख्यमंत्री भी अचंभित हो उठे। बच्चों ने कहा कि हमें न तो समय पर छात्रवृत्ति मिलती है और न ही सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का लाभ। यही नहीं बहुत सी छात्राओं ने भी मुख्यमंत्री को साइकिल वितरण में बरती गई धांधली को लेकर घेरा। छात्र-छात्राओं की षिकायत पर मुख्यमंत्री ने षिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारियों को जांच के आदेष दिए।
अगर छात्र-छात्राएं अभी से इस कदर जागरूक होकर सीधे मुख्यमंत्री से हिसाब मांगने लगे तो बिहार को विकसित बिहार बनने से कोई नहीं रोक सकता।
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