मन्नान की प्रतिभा दुनिया देखेगी
14 साल का मन्नान जेनेवा में
झारखंड में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। हर क्षेत्र में यहां के लोगों ने अपना लोहा मनवाया है। अब झारखंड के कोडरमा का 14 साल का मन्नान जेनेवा में भारतीय बाल मजदूरों का प्रतिनिधित्व करेगा। उसे आइएलओ ने इसके लिए बुलावा भेजा है।
यह है मन्नान अंसारी । वह मन्नान जो बाल श्रमिकों का नन्हा अगुआ बन कर पूरे विष्व में अपनी बात रखेगा। मन्नान अंसारी भारतीय बाल मजदूरों की ओर से जेनेवा में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा। 12 जून को जेनेवा में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के मुख्यालय में बाल श्रमिकों के विष्वमुक्ति आंदोलन की 10वीं वर्ष गांठ मनाई जायेगी। इसी मौके पर अपनी बात रखने के लिए उसे न्योता आया है।
यह वो मन्नान है जो कोडरमा के माइका माइन्स मंे काम करता था। उसे बाल मजदूरी करना अच्छा नहीं लगता था। वह इसका विरोध भी करता था पर घर वाले उसे पढ़ाने के लिए तैयार नहीं थे। बचपन बचाओ आंदोलन ने जब माइन्स में रेस्क्यू अॅापरेषन चलाया तो दूसरे बच्चों के साथ मन्नान को भी मुक्त कराया गया। उसके जज्बात को देखते हुए मन्नान को जयपुर बाल आश्रम भेजा गया। बेबाक बोलने वाला मन्नान छठी कक्षा में पढ़ता है।
मन्नान की प्रतिभा तो अब पूरी दुनिया देखेगी पर आज भी मन्नान जैसे सैकड़ों बच्चों का बचपन बाल मजदूरी की भट्ठी मंे झुलस रहा है। इन बच्चों को भी इंतजार हेै किसी ऐसे रहनुमा का जो इन्हें इनका बचपन लौटा सके।
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