डायन बताकर हत्या
हमारे समाज के लिये अंधविष्वास एक ऐसा षाप है जिससे अभी तक हम मुक्त नही हो पाये हैं। दीमक की तरह जकड़े इस कीड़े ने आज एक 55 साल की अधेड़ और उसके 12 साल के पोते को निगल लिया। भोजपुर जिले के संबलपुर गांव में बदमाषों ने डायन के शक में दोनों की हत्या कर दी।
अंधविष्वास ने हमारे समाज को अभी तक जकड़ रखा है। इसकी एक बानगी संबलपुर में देखने को मिली। यहां की रहने वाली सावित्री देवी और उनका पोता यषवंत कल रात ईष्वर की अराधना कर घर लौट रहे थे। रास्ते में अंधविष्वास की चादर ओढ़े कुछ बदमाषों ने सावित्री पर डायन होने का आरोप लगाया। इससे पहले की इन रूढ़िवादी विचारधारा के लोगों की आंखों पर चढ़ी पट्टी को वे हटाते, उनलोगों ने दादी और पोते की गोली मारकर हत्या कर दी।
इस दोहरे हत्याकांड में पुलिस की लापरवाही भी खुल कर सामने आई है। दरअसल गांव के दबंगों ने सावित्री पर डायन होने का आरोप लगा कर उनकी हत्या करने की धमकी पहले भी दी थी। लिहाजा डरे सहमे परिजनों ने वारदात के एक दिन पहले मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में याचिका दायर की थी। लेकिन पुलिस ना तो अब तक किसी को पकड़ पाई है और ना ही इस याचिका के बारे में कुछ भी बोलने को तैयार है।
भले ही आज हम चांद पर कदम रख रहे हैं। लेकिन बदलते समाज के चेहरे पर ये घिनौनी वारदात किसी तमाचे से कम नही है। जो ये बता रही है कि अंधविष्वास को मिटा पाने में हम कितने कामयाब हो पाये हैं।
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