हज किराए मे बढ़ोतरी
केन्द्रीय हज कमिटी मुंबई और काउन्सिल जनरल आॅफ जद्दा ने हज यात्रा के किराए में बढ़ोतरी कर दी है। जिससे अल्लाह घर में जाने का सपना संजोए कई लोगों को निराषा हुई। मेहनत की एक एक पाई बचाकर हज यात्रा पर जाने के लिए पंजीयन करा चुके सिर्फ झारखंड से करीब सौ से भी ज्यादा लोगों ने अपनी यात्रा रद्द करा दी। ।
परवेज खां जो रिक्षा चलाकर अपना और परिवार का खर्च चलाते हैं। लेकिन उसी में से पैसा जमा किए थे हज पर जाने के लिए। इनकी ख्वाहीष थी कि ये हज पर जाएं। लेकिन इनके ख्वाहीष पर पानी फिर गया। किराया बढ़ने के वजह से इनको इस बार भी लगता है कि अल्लाह के द्वार पर ये अपनी फरियाद लेकर नहीं जा पाएंगे।
हज कमिटी के पास कतार में खड़े इतने सारे लोगों को जो आप देख रहे हैं ये सभी लोग अपनी टीकट वापस करने के लिए खड़े हैं। दरअसल मामला ये है कि ग्रीन डीलक्स कैटेगरी में एक आदमी को सउदी रियाल 5000 यानि 70,000 रूपया देना पड़ेगा। सउदी का, एक रियाल भारतीय मूल्य का 14 रूपया होता है। इसी तरह अजीजीया जो सबसे निम्न कैटेगरी है। उसका षुल्क 10,0000बढ़ा दिया गया है। जिससे झारखंड हज कमिटी के अधिकारी भी गुस्से में हैं।
हज करना उन्हीं के लिए फर्ज है जिनके उपर किसी का कर्ज नहीं हो। मेहनत के कमाई के पैसे हो। और पैसे की कमी न हो। ऐसे मे अगर गरीब भी उतना पैसा जुटा लेते है। तो अच्छी बात है। ऐसे में हज जाने के लिए केन्द्रिय कमिटी द्वारा शुल्क बढ़ा दिए जाने से अमीर लोगों पर तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा और वो अपना फर्ज पूरा कर लेंगे। लेकिन ऐसे में ं गरीब मुसलमान अपने फर्ज से वंचित रह जाएंगे। अब तो बस यही कहा जा सकता है कि षायद इस बार इनके लिए अल्लाह का बुलावा न हो।
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