Wednesday, June 10, 2009

नहीं मिली सत्येन्द्र की लाश

ट्रांसपोर्टर सत्येन्द्र के मामले को लेकर पुलिस और सत्येन्द्र के परिजनों की बेचैनी बढ़ गई है। 10 घंटे के अथक प्रयास के बादो नौ सेना के जवान सत्येन्द्र की लाश को नहीं ढूंढ़ पाए। लाश ढूंढ़ने वालों को पुलिस के अलावे परिजनों ने भी की इनाम की घोषणा। आज स्टीमर से तलाश करेंगे नौ सेना के जवान।
पटना का गंगा किनारा, सबकी निगाहें गंगा की तलहटी की तरफ लगी है कि कब नौ सेना के गोताखोर सत्येन्द्र की लाश को बाहर ला दें। तेज हवा के झोंके और पानी की धार के बावजूद भी दस घंटे तक गोताखोर खोज करते रहे। गम में डुबे सत्येन्द्र के परिजनों के तो जैसे आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। वहीं गंगा की तलहटी से पल भर भी निगाह नहीं हटा रहे थे। लाश ढूंढ़ने वालों को जहां पुलिस ने 25 हजार देने की बात कही थी। वहीं परिजनों ने 50 और की घोषणा कर दी।
गोताखोरी से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो सेतु के उपर से कूद कर जान देने वालों की लाश एक दो दिनों के बाद सड़कर बाहर आ जाती है। केवल लाश की बात होती तो अब तक वह बरामद कर ली गयी होती। कई बार तो ऐसा भी देखा गया है कि आत्महत्या करने वालों की लाशें फतुहा से बरामद की गई है।
ट्रांसपोर्टर सत्येन्द्र का अपहरण पिछले 23 मई को राजधानी के बोरिंग कैनाल रोड से कर लिया गया था। बाद में उनकी हत्या कर लाश को गंगा में फेंकने की जानकारी मिलने के बाद पटना पुलिस ने नौ सेना से शव ढूंढ़ने के लिए बुलाया। लेकिन दस घंटे के मेहनत के बादो लाश नहीं मिली। लाश नहीं मिलने के बाद आज स्टीमर से शव की फिर तलाश करेंगे नौ सेना के जवान।
बहरहाल बात चाहे जो भी हो लेकिन सत्येन्द्र की लाश का नहीं मिलना पुलिस के लिए जहां अनसुलझी गुत्थी बनता जा रहा है। वहीं परिजनों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। देखना ई है कि इस मामले में आगे क्या होता है।

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....