लिम्का मैन रामकरण पाॅल
जेडीयू के एमएलसी रामकरण पाॅल ने अइसी किताब प्रकाषित करवाई है कि उनका नाम लिम्का बुक आॅॅफ रिकार्ड में आ गया है। अपने षौक को जुनून की हद तक प्यार के कारण डाॅ0 पाॅल को ई कामयाबी मिली है।
आज इनके चेहरे पर जो खुषी दिख रही है ऊ बरसों की मेहनत का फल है। इनकी किताब डाॅ0 रामकरण पाॅल: व्यक्तित्व और विचार प्रकाषित कराने के लिए इनका नाम लिम्का बुक आॅफ रिकार्ड में आ गया है।
जेडीयू नेता की ई किताब अपनी तरह की पहली है। खुद से रिलेटेड खबरों के कतरनों को ओरिजिनल रूप में किताब में प्रकाषित करवाने के कारण इनको ई सम्मान मिला है। इस साल के लेटेस्ट एडीसन में एक सौ सात और एक सौ आठ नम्बर पेज पर रामकरण पाॅल का नाम है।
अत्यंत पिछड़ी जाति के रामकरण पाॅल बिहार में अपनी जाति गड़ेरिया के पहिले एमएलसी हैं। जब से ई राजनीति में आए तभिये से अपनी प्रकाषित कतरनों का कलेक्षन करने लगे थे। पहिले तो ई षौकिया काम था। लेकिन बाद में जुनून बन गया। फिर इसको 2003 में कम्पाइल करवाके प्रकाषित भी करवा दिये। तब डाॅ0 पाॅल को ई पता नहीं था कि राष्ट्रीय रिकार्ड बन जाएगा। लेकिन 2009 के एडीषन में ई बात सच साबित हुई है।
डाॅ0 रामकरण पाॅल का मेन मकसद है- मानवता की सेवा करना। अउर अपने इसी उद्येष्य को लेकर अलग- अलग पार्टियों से चार बार एमएलसी भी बन चुके हैं। अपने राजनीतिक जीवन में डाॅ0 पाॅल को तीन बार जेल भी जाना पड़ा। बिहार राज्य हाइडल पावर काॅरपोरेषन के चेयरमैन भी रह चुके हैं डाॅ0 पाॅल। इनकी इस उपलब्धि पर कई लोग बधाई के साथ षुभकामना भी दे रहे हैं।
लिम्का बुक आॅफ रिकार्ड में नाम आने से डाॅ0 पाॅल की तमाम एचीवमेंट में एक और नाम जुड़ गया है। लेकिन कहने वाले तो यह भी कह रहे हैं कि ई जेडयू का लक फैक्टर भी है जो इस पार्टी से जुड़े सभी लोगों के लिए सब कुछ ठीके हो रहा है।
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