सरकार से नहीं आस कोसी पर विश्वास-
[महिला और बच्चe कोसी मैया पूजा में जुट गए हैं]
कोसी के बाढ़पीड़ित एक बार फिर बाढ़ की आशंका से भयभीत हैं। यहां के लोगों को सरकार से कोई आस नहीं है, इन्हें अब सिर्फ कोसी मैया पर ही विश्वास है। इस इलाके की स्थिति यह है कि लोग कोसी के कहर से रतजगा कर रहे हैं क्योंकि न जाने कोसी मौत बनकर सामने आ जाए।
इन दिनों नेपाल बार्डर के आसपास का इलाका बाढ़ को लेकर भयभीत है क्योंकि कुसहा बांध एकबार फिर टूटने के कगार पर है। बाढ़ की आशंका ने ग्रामीणों की नींद हराम कर दी है। बाढ़ से उजड़े लोगों को पर्याप्त सरकारी सहायता भी नहीं मिली है। सरकारी उदासीनता से निराश ग्रामीण अपने को सुरक्षित रखने के लिए कोसी मैया की पूजा में जुट गए हैं। आज हजारों की संख्या में महिलाओं और बच्चों ने कोसी मैया से सुरक्षित रखने की विनति की।
साल बीतने को आया लेकिन यहां के लोगों को आज तक सरकारी सहायता नहीं मिल पायी है। सरकार के इस रवैये से ग्रामीण आक्रोशित हैं। बाढ़पीड़ितों का कहना है कि हर जगह दलालों और घुसखोरों का बोलबाला है। हालत यह है कि बिना चढ़ावा चढ़ाए क्षतिपूर्ति का पैसा नहीं मिलता। जो लोग घूस देते हैं, उन्हें ही सरकारी लाभ मिल रहा है।
उधर सरकार का दावा है कि कुसहा बांध पूरी तरह से सुरक्षित है। उसके बचाव के लिए वहां संबंधित विभाग के अधिकारी एवं अभियंता कैंप किए हुए हैं। यही नहीं कुछ दिनों पहले जल संसाधन मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव ने कुसाहा बांध एवं आसपास के इलाके का मुआयना कर बाढ़ से बचाव के लिए नेपाल सरकार के प्रतिनिधियों से भी बात की।
सरकार का दावा कितना सही है यह तो बरसात के सीजन में पता चल जायेगा। लेकिन इतना तय है कि कोसी अगर कहर बरपायेगी तो उसे रोक पाना किसी के वश की बात नहीं होगी। ऐसे में मजबूत तैयारी ही जानमाल के नुकसान को रोक पायेगी।
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