ठन्डे पानी के लिए देसी फ्रिज
बढ़ती गरमी और बिजली की अघोषित कटौती से जहाॅ लोग परेषान हैं, ....वही इलेक्ट्राॅनिक फ्रिज महज दिखावे का सामान बन कर रह गये हैं। ऐसे में ठन्डे पानी के लिए देसी फ्रिज ही लोगों का सहारा होते हैं, ....मगर कीमत में हो रही बेतहाषा बढ़ोतरी से यह आम उपभोक्ताओं की पहुंच से दूर होता जा रहा है।
तेज धूप और चिलचिलाती गरमी में जलते ष्षरीर को राहत देने के लिये एक गिलास ठन्डा पानी ही काफी होता है, ......और इसको लेकर मार्केट में इलेक्ट्रानिक फ्रिज और देसी फ्रिज के दुकान भी सजे पड़े हैं, .....जितनी वेरायटी इलेक्ट्रानिक फ्रिज में मौजूद है ....उतनी ही मिट्टी के देसी फ्रीज में भी मौजूद होते हैं, ....जरुरत के मुताबिक दोनों की मांग लोगो में हैं।
मार्केट में औसतन दो सौ ली. क्षमता के इलेक्ट्राॅनिक फ्रिज की डिमांड है, .....तो बीस ली. से सत्तर ली. क्षमता वाले देसी फ्रीज की मांग सबसे ज्यादा है। .....वइसे देसी फ्रिज की दुकान में लोगांे की भीड़ चढ़ती गरमी के पारे के साथ बढ़ता ही जा रहा है, ......मगर इसकी कीमत में लगी आग से लोगोें की परेषानी बढ़ती जा रही है, ......आज मार्केट में पांच ली. के घड़े की कीमत पैंतीस रुपया, पन्द्रह से बीस ली. वाले घड़े की कीमत साठ रुपये तक, जबकि तीस ली. वाले घड़े की कीमत अस्सी से नब्बे रुपये तक है, .....दुकानदारों की मानें तो इस साल इन घड़ों की कीमत में करीब साठ से सत्तर परसेंट की बढ़ोतरी हुई है, ....कयास यह भी लगाया जा रहा है कि कीमत में और बढ़ोत्तरी हो सकती हैं
षहर में अघोषित बिजली कटौती से घरों के अन्दर रखे इलेक्ट्रानिक फ्रीज महज षोपिस बन कर रह गये हैं, .........ऐसे में परेषान लोगों को ठन्डे पानी के लिए देसी फ्रिज पर ही निर्भर रहना पड़ता है,
आंकड़ों के मुताबिक पूरे सूबे में इलेक्ट्रानिक फ्रिज की बिकरी जहां दो से तीन लाख तक हो जाती हैे ...वही देसी फ्रीज की पच्चीस लाख से भी ज्यादा होती है .....मगर इस सीजन में देसी फ्रिज की कीमत में हुइ्र्र बढ़ोतरी से इसकी भी बिकरी का ग्राफ पांच परसेंट गिरने का अंदेषा है, ....वइसे भी अगर इसकी कीमत में हर साल इसी रफ्तार से बढ़ोतरी होती रही तो यह भी आम उपभोक्ता की पहुच से दूर हो जाएगा फिर ठंडा ठंडा कूल कूल होने के लिये लोगों के पास क्या उपाय होगा।
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