सरकार-विवि में तकरार
लेक्चररों की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन में ठन गई है। जिससे एक बार फिर लेक्चरर की बहाली पर सवाल खड़े हो गए हंै। एक रिपोर्ट-
काॅलेजों में लेक्चरर की बहाली मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन कहना है कि सरकार लेक्चररों की बहाली की अनुमति नहीं दे रही है। वहीं राज्य सरकार का कहना है कि बिना रैशनेलाइजेशन के लेक्चररों की नियुक्ति नहीं होगी। अब हालात ई है कि विश्वविद्यालयों में जहां शिक्षक नियुक्ति के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। वहीं मानव संसाधन मंत्री की मानें तो किसी भी विश्वविद्यालय ने रैशनेलाइजेशन का काम पूरा नहीं किया है।
इस मामले में विश्वविद्यालय कुलपतियों का कहना है कि राज्य सरकार के आदेशनुसार रैशनेलाइजेशन की सारी प्रक्रिया पूरी कर मानव संसाधन विभाग को रिपोर्ट भेज दी गई है। अब सरकार के आदेश की प्रतिक्षा की जा रही है ताकि नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जा सके।
सरकार सभी काॅलेजों से इंटर की पढ़ाई समाप्त करने जा रही है। ऐसे में काॅलेजों से इंटर शिक्षकों का पद भी समाप्त हो जाएगा। इन सारी प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद हीं सरकार नियुक्ति की अनुमति देगी। साथ हीं मंत्री ने कहा सरकार किसी विश्वविद्यालय सेवा आयोग का गठन करने नहीं जा रही है।
सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच खींचतान से जहां लेक्चरर नियुक्ति का मामला खटाई में पड़ा है। वहीं अंततः छात्रों को हीं नुकसान हो रहा है।
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