मुसिबत में रक्षा मंच
अब बात सिमडेगा की जहंा नक्सलियों का विरोध करने के लिए गांव वालों ने रक्षा मंच बनाया और लोगांे को एकजुट भी किया पर अब नक्सली इस गांव में कोहराम मचा रहे है। गांव में अब तक एक दर्जन लोगों को नक्सलियांे ने मार डाला पर सरकार ने इनकी सुरक्षा के लिए कोई ठोस पहल नहीं की। अब गांव के लोग यहां से पलायन करने को मजबूर हैं।
यह सिमडेगा का कुलाटुरूम गांव। पहाड़ों और जंगलों के बीच मौजूद इस खुबसुरत गांव में अब बस लोगों के रोने बिलखने की आवाज ही सुनाई देती है। इस गांव को नक्सलियों ने अपना अड्डा बनाना चाहा था पर गांव वालों ने इसकी खबर प्रषासन को दे दी। प्रषसन के कहने पर यहां के लोगों ने नक्सलियों के खिलाफ रक्षा मंच भी बनाया। इस मंच से गांव के लोगांे को नक्सलियांे क्े खिलाफ आवाज उठाने के लिए गोल-बंद किया जाने लगा। षुरू में तो सब ठीक चला पर उसके बाद नक्सलियों ने यहां अपना आतंक दिखाना शुरू कर दिया। यहां मंच के लोगांे को मारा जाने लगा। अब तक इस गांव के
दर्जन भर पुरूषों को नक्सलियों ने मार डाला है।
नक्सलियों के इस गांव में लगातार हो रहे हमलों से यहां के लोग काफी दहषत में हैं। ज्यादातर लोग गांव छोड़ कर पलायन कर चुके हैं। रक्षा मंच के महासचिव की भी हत्या दो दिनों पहले कर दी गई। रक्षा मंच से जुड़े लोगों का कहना है कि हमने समाज की रक्षा के लिए इसका गठन किया था
पर अब हमें पुलिस का साथ भी नहीं मिल रहा, उधर नक्सली हमारे जान के
पीछे पडे हैं ऐसे में हम करें तो करें क्या?
फिहलाह तो इस गांव में सन्नाटा पसरा है कभी जब यह सन्नाटा टुटता भी है तो महिलाओं की चित्कार से।ऐसे में अगर सरकार इनकी मदद नहीं करती
तो लोगों का भरोसा तो पुलिस से उठेगा ही, नक्सलियों के नापाक हौसले भी
बुलंद होंगे।
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