लड्डू का जवाब नहीं
लड्डू तो आपने बहुत खाए होंगे, पर हनुमान मंदिर के लड्डू का कोई जवाब नहीं। ईंहां का लड्डू बजारु लड्डूओं की अपेक्षा डेढ़ गुना महंगी है। तिरुअनंतपुरम की तर्ज पर बनने वाला ई लड्डू देशभर में मशहूर हो रहा है।
( भजन...जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपिस....)
पटना का मशहूर हनुमान मंदिर। जहां भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है। ईहां दूर-दूर से लोग आते हैं हनुमान जी के दर्शन करने। बात जब प्रसाद की हो तो क्या कहने। सबको बस तिरुअनंतपुरम की तर्ज पर बने लड्डू हीं सबसे अधिक भाता है। इसमें भी दो मत नहीं कि ईहां के बने लड्डू बाजार के लड्डू से दोगुना-तिगुना महंगा है। लेकिन सच इसके टेस्ट के क्या कहने। एक बार जिसने खाया इस प्रसाद को इसके मुरीद हो जाते हैं।
कहते हैं हनुमान जी को लड्डू बेहद पसंद है। इसीलिए भक्त इनकी चरणों में लड्डू प्रसाद के रुप में चढ़ाते हैं। इसको बनाने में चने का शुद्ध बेसन, गाय का घी, काजू, किसमीस इलायची के अलावे तिरुअनंतपुरम के मसाले का प्रयोग किया जाता है। स्वाद में खास गुणवत्ता होने के चलते इस लड्डू की बिक्री प्रतिदिन 2 लाख रुपए से ज्यादा की होती है। मंदिर के मैनेजर की मानें तो ईहां डेली 10 हजार किलो लड्डू की बिक्री है। इसके चार क्वालिटी बने होते हैं। रविवार, शनिवार और मंगलवार को नवैद्यम की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
टेªन पकड़ने स्टेशन जाना है, या फिर गाड़ी पकड़ने में लेट हो तो चिंताहरण राम भक्त हनुमान के दर्शन करने लोग जरुर जाते हैं। यहां के बिकते प्रसाद यानि लड्डू अब बहुत बड़े पैमाने पर अपना बाजार बनाता जा रहा है।
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