Monday, June 1, 2009

यादगार सफर...
(आज भी लोगों के दिल में हैं नर्गिस की यादें)
हिन्दी सिनेमा की महान अभिनेत्रियों में से एक नर्गिस ने करीब दो दशक के फिल्मी सफर में दर्जनों यादगार भूमिकाएं कीं और 1957 में प्रदर्शित फिलम मदर इंडिया में राधा की भूमिका के जरिए भारतीय नारी का एक नया और सशक्त रुप सामने रखा।
( प्यार हुआ इकरार हुआ है प्यार से फिर क्यूं डरता है दिल.......)
एक जून 1929 को पैदा हुई नर्गिस का असली नाम फातिमा रशीद था। इलाहाबाद में जन्मी नर्गिस मशहूर गायिका जद्दन बाई और मोहनबाबू की बेटी थी। कला उन्हें विरासत में मिली थी और सिर्फ छहः साल की उम्र में उन्होंने फिलम तलाश-ए-हक से अभिनय की शुरुआत कर दी। 1940-50 के दशक में उन्होंने कई फिल्मों में काम किया और 1957 में प्रदर्शित महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया उनकी सबसे ज्यादा चर्चित फिल्मों में रही इस फिलम को आॅस्कर के लिए भी नामित किया गया था।
( -जाने नजर पहचाने जिगर, ये कौन जो दिल में समाया.....)
नर्गिस ने मदर इंडिया के अलावा आवारा, श्री 420, बरसात, अंदाज, लाजवंती, जोगन, बेवफा, पापी, परदेशी, रात और दिन सहित दर्जनों फिल्मों में बेहतरीन अभिनय किया। उनकी कई फिल्मों में राजकपूर और दिलीप कुमार नायक थे। लेकिन राजकपूर के साथ उनकी जोड़ी ने धूम मचा रखी थी। इस जोड़ी को आज तक सफल जोड़ियों में गिना जाता है। ये पहली फिल्मी महिला राज्य सभा सदस्य भी बनीं।
मदर इंडिया फिल्म में शूटिंग के दौरान अभिनेता सुनील दत्त ने आग से नर्गिस की जान बचायी थी। इसके बाद सुनील ने शादी के प्रस्ताव रख दिया जिसे नर्गिस ने मान लिया और दोनों एक हो गए। इनके तीन बच्चों में सुनील दत्त, प्रिया, अंजू हैं। अभिनय से अलग होने के बाद नर्गिस और सुनील समाजिक कार्य में जुअ गए। इन्होंन अजंता आर्टस कल्चरल ट्रूप की स्थापना की, जो सीमा पर जाकर जवानों का मनोरंजन के लिए स्टेज शो करते थे। लेकिन होनी को कुछ और हीं मंजूर था और नर्गिस तीन मई 1981 को कैंसर जैसी बीमारी के आगे जिन्दगी की जंग हार गईं।
( -दुनिया में हम आए हैं तो जीना हीं पड़ेगा, जीवन है अगर जहर तो पीना हीं पड़ेगा....)
आज नर्गिस नहीं हैं, मगर फिल्मों में निभए गए उनके किरदार और समाज सेवा आज भी लोगों के दिमाग पर छाये हुए हैं। लोग चले जाते हैं उनकी यादें रह जाती हैं। उसमें भी नर्गिस सचमुच अभिनय में खो जाने वाली के क्या कहने।

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....