Sunday, June 7, 2009

कुम्हला रहे अरमान
बाल विवाह की उड़ रही खुल्लेआम धज्जी

शादी कोई गुड्डा-गुड्डी का खेल नहीं। जो जब चाहा खेल लिया। इसमें दो आत्माओं का मिलन होता है। सदियों से चली आ रही बाल विवाह की प्रथा आजो उसी तरह से चल रही है। लेकिन एगो अइसा बाल विवाह जिसमें फुसलाकर मासूम की करा दी शादी।
पटना जिला का मनेर गांव । जहां कानून का माखौल उड़ाते हुए बाल विवाह हो रहा है। इन मासूमों को देखिए कितने बेचारे की तरह सबको बारी-बारी से निहार रहे हंै। इनको तो बस इतना हीं मालूम है कि शादी का मतलब हो-हल्ला होता है, पर ! ई का, आज इस बंधन में 13 साल के आनन्द के साथ 9 साल की प्रिया को इनके गार्जियन हीं बांध रहे हंै।
माथे मउरी पहने आनन्द कहता है कि हमें पढ़ने दो। वहीं प्रिया बंद जुबान से लोगों को निहार रही है शायद अपनों से पुछ रही है कि क्यों उसे चार बांस के माड़ो के बीच बैठाया गया है। पर इसके घर वाले क्या जवाब देंगे। उन्हें तो अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना है। सबसे चैंकाने वाली बात तो है कि आनन्द का फुफेरा भाई उसे फुसलाकर उस शादी के मंडप तक पहुंचाकर विवाह करा दिया। जबकि आनन्द के घर वालों को बात मालूमे नहीं था कि उनके लाडले का विवाह हो रहा है। इस बात की जानकारी मिली तो मामला तुल पकड़ लिया जिसे किसी तरह सलटाया गया।
जिन मासूमों को विवाह का कोई मतलबे नहीं मालूम उसी को इस बंधन में बांधकर उसके घर वाले जहां बाल विवाह कानून को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं। वहीं ई मासूम फूल खिलने से पहले हीं कुम्हला जाते हैं।

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....