मिले सुर मेरा तुम्हारा........
अब बात महिला आरक्षण विधेयक की। संसद और विधानमंडलों में महिला आरक्षण को लेकर बवाल मचा हुआ है। आरक्षण के मुद्दे पर सभी दलों की अलग अलग राय है। लेकिन इस मुद्दे पर दो धुर विरोधी दलों के सुर अब एक हो गये हैं जबकि उनकी सहयोगी पार्टिंयों के ही सुर उनसे नहीं मिल रहे।
संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की उठ रही मांग पर से पर्दा ठने ही वाला था कि एक बार फिर यह मामला विवादों में चला गया। संसद में बीस सीटों वाली पार्टी जदयू ने आरक्षण के इस स्वरूप का खुलकर विरोध किया। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तो इस स्वरूप के लागू किये जाने पर संसद में ही जहर खा लेने की बात कह डाली । लेकिन संसद सत्र के पहले ही दिन लालू से उलझ पड़े शरद को इस मुद्दे पर आखिरकार साथ मिला लालू का।
दरअसल लालू ने कहा कि इस मामले में पार्टी अपने स्टैंड पर कायम रहेगी। अब सवाल उठता है कि भाइ्र्र लालू का स्टैंड क्या है। त आइये इस मामले के बारे में जादा जानने के लिये सुनते हैें राजद के पूर्व महासचिव रामकृपाल यादव की बात।
रामकृपाल से बात करने पर एक बात तो साफ हो गई लालू शरद के साथ हैं और आरक्षण के भीतर आरक्षण के पक्षधर हैं। लेकिन भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी का जो बयान आया उससे साफ हो गया कि भले ही भाजपा- जदयू के साथ हम साथ साथ हैं का गीत गा रही हो, लेकिन अंदर ही अंदर हम आपके हैं कोैन की नीति पर भी चल रही है।
मंजिल तक पहुंच कर भी मंजिल से दूर रहने की कहावत महिला आरक्षण बिल पर सटीक बैठती है। अब देखना है कि यह बिल अपने इसी रूप् में हंगामे के बीच लागू हो जाएगा या विरोध के कारण फिर ठंढे बस्ते में चला जाएगा।
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