शिक्षा की कवायद शुरू
अब बात करते हैं बिहार में षिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए किए जा रहे सरकारी पहल की। बिहार में षिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकार समूची प्रणाली में ही बदलाव करने में जुटी है। उपेक्षा का दंष झेल रहे 391 बुनियादी विद्यालयों को महात्मा गांधी की विचारधारा के अनुसार चलाने की कवायद शुरू हो चुकी है। इसके लिए मानव संसाधन विकास विभाग ने दुसरे प्रदेषों में अफसरों को भेज वहां की बुनियादी षिक्षा का अध्ययन कराया है।
राज्य में लचर षिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए मानव संसाधन विकास विभाग ने पूरी तैयार कर ली है। विभाग ने इसके लिए स्कूली पाठ्यक्रम और षिक्षकों की नियुक्ति को लेकर नियमावली तैयार की जा रही है। विधानमंडल के मानसून सत्र में इसे पेष किये जाने की संभावना है।
विभाग ने षिक्षा की गुणवत्ता में बदलाव के लिए गांधीवाद से जुड़े विद्वानों के साथ बैठक भी की थी। बैठक से मिले फीडबैक के आधार पर विभाग ने अपने तेज-तर्रार अफसरों को मध्यप्रदेष भेजा। मध्यप्रदेष सरकार का षिक्षा माॅडल इन्हें सबसे ज्यादा प्रभावित किया। अब इसी माॅडल के आधार पर विभाग ने काम करना शुरू कर दिया है। इन विद्यालयों में गांधीवादी विचारधारा से प्रभावित षिक्षकों की नियुक्ति किया जायेगा। साथ ही पुराने पाठ्यक्रम में बदलाव लाकर ग्राम्य जीवन के अनुकूल बनाने का पहल भी होगा। विद्यालय में कुषल कारीगर, तकनीकी विषेषज्ञों एवं वोकेषनल षिक्षकों की नियुक्ति भी किया जायेगा।
सरकार इन विद्यालयों में गांधीवादी विचारकों की भूमिका को प्राथमिकता देना चाहती है ताकि छात्रों की सोच-समझ की क्षमता को स्वस्थ एवं व्यापक दिषा दी जा सके।
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