Sunday, August 2, 2009


DOSTI

Happy friendship day
अहसास भर से
चेहरे पर
खुशियां छाने लगती हैं.
मन में हजारों ख्याल
सात समंदर पार
अपने बीते पल में
खोये-खोये ख्वाबों में
अपनी दोस्ती के
सफर करने लगती है.
खुशियों का बसेरा
दिल में
उल्लासों का सबेरा है
हर के चेहरे पर
देखो !
दोस्ती के नाम पर
मन के सारे तार
बजने लगती है.
इसके कोई दायरे नहीं
कब किससे हो जाए
कह पाना आसान नहीं
ये वैसे रिश्ते हैं
जहां पहुंचकर
सारी मुश्किलें
खुद-ब-खुद
हल होने लगती है.
बीते कल की यादें
बचपन की खुश्बू
जवानी के सपने
याद आते हीं
होठों पर मुस्कान
तैर जाती है.
कभी-कभी तो लगता है
कि
सबसे सुखी है वो इंसान
जो सपनों से
दोस्ती करना सीख जाता है,
दोस्ती यानी त्याग,
समर्पण-बलिदान के नींव पर टीकी
सबसे नाजूक रिश्ता कहलाती है.
----मुरली मनोहर श्रीवास्तव

1 comment:

  1. ka ho babu mosay ky likhte ho....aise hi likhte raho chha jaoge ek din

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....