लड़ते.लड़ते शहीद हो गये
साधारण से दिखने वाले एक खास अमर शहीद ठाकुर विश्वनाथ साहदेव का परिवार। विश्वनाथ साह देव अंगरेजों से लड़ते.लड़ते शहीद हो गये। और उनका परिवार आज गरीबी और तंगहाली से लड़ रहा है। सरकार इन्हें आश्वासन तो देती हैए लेकिन करती कुछ भी नहीं है।
देश को आजाद करने में हंसते हंसते शूली पर चढ़ने वाले शाह देव की संपत्ति भी सरकार और आम लोगो ने हथिया ली है ण् शहीद के उत्तराधिकारी सरकार से बार बार मांग कर रहे है की उनकी संपत्ति ही उन्हें वापस कर दी जायेण् सरकार से उन्हें ज्यादा कुछ नहीं चाहिए ण् लगता है सरकार ने शहीद ठाकुर शाह देव की एक प्रतिमा लगाकर अपनी ड्यूटी पूरी कर ली। जबकि उनके उत्तराधिकारी आज भी उपेक्षित हैं।
अब सवाल यह उढ़ता है की क्या शहीद ठाकुर साह देव ने इसी आजादी का सपना देखा होगा जहां उनके परिवार के लोग ही बदहाली में जीने के लिए मजबूर होंगे।
No comments:
Post a Comment