बंदरिया की ममता
कहते हैं ममता की कोई परिभाषा नहीं होती। ना तो इसकी कोई जाति होती है और ना ही धर्म। और ना ही ये इंसान और जानवरों में कोई फर्क करती है। तभी तो एक कुत्ते के पिल्ले पर अपनी ममता न्योछावर करती एक बंदरिया को देख सभी अचंभित हैं।
कुत्ते के बच्चे को कभी दुलारती तो कभी पुचकारती इस बंदरिया को देखकर लोग हैरान हैं। कारण है कि इसने कुत्ते के बच्चे को वो प्यार और दुलार दिया है जो सिर्फ एक मंा ही दे सकती है। दरअसल इस बंदरिया के बच्चे की मौत सड़क दुर्घटना मंे हो गई थी। तब उसने लावारिस पड़े एक पिल्ले को गोद ले लिया। और आगे की कहानी आपके सामने है।
पिल्ला कूं-कूं करता तो बंदरिया उसे सीने से लगा कर दूध पिलाती। एक मां की तरह पिल्ले का पूरा ख्याल रखती। यही नहीं जब लोग इसे देखने के लिए इकठ्ठे होते तो बच्चे को गोद में लिए सरपट दौड़ लगाकर दूर भाग जाती। इसके अलावा इसका पूरा ध्यान रखती है कि फिर से कोई दुर्घटना ना घटे।
मां की ममता के तो आपने कई किस्से सुने होंगे। पर झारखंड की राजधानी रांची में सड़कों पर एक बंदरिया द्वारा अनोखे ढ़ंग से मातृत्व लुटाना सचमुच ममता की एक मिसाल है।
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