Monday, May 11, 2009

बच्चों की खुशी के लिए खुद को भूली
मां की ममता का जवाब नहीं.....मां कहने को तो बहुत छोटा शब्द है मगर इसका मतलब समुद्र से भी गहरा है...... मां के ममता की गहराई को समझ पाना बहुत हीं मुश्किल है ......मां अपने बच्चों की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती है.......खासकर ऐसी मां जिसकी खुशी में साथ देने वाला उसका पति न हो ......वो अकेले इस दुनियां से लड़ कर अपने सारे गम भूल कर सिर्फ और सिर्फ बच्चे की खुशी चाहती है........एक ऐसी ही मां हैं अमृता झा..... आइए देखते हैं इस पर एक रिपोर्ट ।;गाना.....ममता की मंदिर की है तू सबसे प्यारी मूरत......भगवान नजर आता है मां जब देखूं तेरी सूरतद्ध मां अपने बच्चों के लिए सबकुछ होती है......एक सच्ची दोस्त सही शिक्षिका.....इन्हीं में एक हैं अमृता झा......जिनकी मांग वक्त से पहले ही सुनी हो गयी.....पति के अचानक मृत्यु से अमृता बूरी तरह टूट गयी.....घर के हालात बदल गए......जीने को जी नहीं चाहता....अब खुद से हार गई थी.....लेकिन अपने मासूमों की खातिर तो जीना हीं पड़ेगा.........सारी जिम्मेदारी एकाएक आ पड़ी.....फिर अपनी मेहनत के बूते लिफ्ट का बिजनेस शुरू किया.....दिन कटने लगे........अपने साथ अपने बच्चों को भी उस लायक बना दिया....कि वो हर मुश्किलों में हार न मानें......और डटकर मुकाबला कर सकें। अमृता को फाइनेंसियल प्रोबलम तो था ही......साथ हीं इनको टेक्निकल ज्ञान भी नहीं था.....लेकिन इन्होनें इतना मेहनत किया कि खुद क साथ अपनी बिजनेस को भी खूब आगे बढ़ाया....आज इनके दोनों बच्चे देहरादून में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं.....साथ हीं अमृता अपने भाई के दो बेटे को भी अपने हीं पास रखकर पढ़ाती हैं......क्योंकि इनकी मां नहीं है......अमृता इतनी मेहनत दो बच्चों के लिए नहीं बल्कि अपने चार बच्चों के लिए करती हैं......मां की आंचल और उनके ममता के क्या कहने.......इसमंे सारी दुनियां भी समा जाए तो भी छोटी न पड़े। खुद जमीन पर सोती है बच्चे को गद्दा पर सुलाती है....खाली पेट रह कर अपने बच्चों को खुशहाल देख उन्हीं में खो जाती है......वैसे में अमृता झा जैसी मां.....एक प्रेरणा हैं......हिम्मत के बूते आगे बढ़ने का......सच मां तू जगत जननी इसी से कही जाती हो।------रजिया सुल्ताना

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....