एक और मासूम का अपहरण.....
अपहरणकर्ताओं के बढ़ते हौसलों ने सुशासन के दावे को तार-तार कर दिया है। अगवा करने की घटनाओं की एकबारगी से जैसे बाढ़ आ गई है। मुजफ्फरपुर के डाॅक्टर दंपति के मासूम बेटे का चार दिन पहले अपहरण हुआ था लेकिन पुलिस उसके बारे में अब तक कुछ भी पता नहीं लगा सकी है। पुलिस के ढील रवैये से लोगों में भारी गुस्सा है।
डाॅक्टर सुधीर कुमार और इनकी पत्नी डाॅक्टर किरण कुमारी इनके आठ साल के मासूम ऋतिक कुमार का चार दिन पहले अपहरण हो गया है। मासूम के अगवा होने के बाद से इनकी आंखों से बहते आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। बेजार होकर रोती इस मां को उम्मीद है कि इनका बेटा सही सलामत वापस आ जाएगा। पर चार दिन बाद भी उसका कोई सुराख नहीं मिल पाया है।
मासूम ऋतिक को कुरकुरे बहुत अच्छा लगता है। इसी को खिलाने के बहाने डाॅक्टर दंपति का कंपाउण्डर चंद्रशेखर सहनी बाहर ले जाकर उसे अपराधियों के हवाले कर दिया। कल तक का विश्वासी कंपाउंडर रूपये के लालच में अपराधी बन गया। इस घटना के बाद कंपाउंडर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ हीं इस अपहरण मामले में मोतिहारी के 6 अपराधियों को भी गिरफ्तार किया गया है। इतना होने के बाद भी बच्चे का सुराग अब तक नहीं मिल पाया है। पुलिस तहकिकात की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ने में लगी हुई है।
इस तरह बिहार में बढ़ते अपहरण से हर मासूमों के परिजन दहशत में हैं। राजनैतिक सरगर्मियां खत्म होने के साथ अपहरण का धंधा बिहार में हावी होने लगा है। अब देखना ये है कि डाॅक्टर दंपति के मासूम को पुलिस बरामद कर पाती है या फिर सत्यम मामले की तरह उसे यहां भी निराशा हीं हाथ लगती है।
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