नरेगा में फिसड्डी बिहार
( बिहार में कोई भी जिला नहीं खर्च कर सका नरेगा की राशि )
जन उपयोगी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की राशि सूबे का कोई भी जिला नहीं खर्च कर सका। इस योजना का लाभ उठाने में बिहार के सभी जिले साबित हो रहे हैं।
पिछले 3 सालों से इस गरीब हितैषी योजना का सही तरीके से संचालन नहीं किया गया। सूबे के 26 जिले बाढ़ग्रस्त जिले हैं। अब 30 मई के बाद मिट्टी के कार्य पर रोक लगा दिया जाएगा। पर सरकार और प्रशासन की उदासीनता से इस योजना को धरातल पर नहीं उतरने दिया और इसका परिणाम सभी जिलों में यह योजना फेल साबित हो गया है।
राष्ट्रीय ग्रामीण योजना के तहत राज्य को 2096.88 करोड़ रुपए उपलब्ध कराया गया था। इतने धन की लागत से 10563 योजनाओं को स्वीकृत दी गयी। अभी तक मात्र 53668 योजनाओं के बारे में कार्य प्रगति पर बताया जाता है। अब सहरसा को हीं ले लिजिए 94.61 करोड़ रुपया दिया गया था। इन राशियों को 2424 योजनाओं पर खर्च करने की योजना तैयार की गई थी। जिसमे से 2080 पर कार्य पूरा हो गया है और 344 पर कार्य प्रगमि पर बताया जाता है। वैसे सबसे ज्यादा राशि खर्च करने वाले जिले में शुमार हो गया है।
बात चाहें जो भी हो लेकिन नरेगा पर खर्च किए जाने वाली राशि का नहीं खर्च होना कई सवाल खड़ कर रहा है। देखना ये है कि कब तक इन योजनाओं को पूरा कर लिया जाएगा।
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