Thursday, May 14, 2009

मैली हो गई गंगा



मैली हो गई गंगा
गंगा नदी बिहार की प्रमुख नदियों में से एक है। मान्यता ये है कि इसकी एक बूंद मानव के अंर्तमन को शुद्व कर देती है। लेकिन सबको शुद्व करने वाली गंगा आज खुद मैली हो रही है....और अपने हीं वजूद को बचाने के लिये जंग लड़ रही है।
राम तेरी गंगा मैली हो गई...इंसानों के पाप धोते-धोते। गंगा के गर्भ में चल रहे दर्जनों ईट-भटों और नालों से निकलने वाले दूषित जल ने इस पावन जल को बदसुरत कर दिया है। धार्मिक महत्व वाले इस जल की निर्मल धारा में कचड़े को समाहित कर लोग अपनों की आत्माओं की शांति की कामना तो करते हैं लेकिन सहीं मायने में वो मां को कलंकित कर रहे हैं। गंगा मईया अपने बेटों की इस करनी से ख़़फा हो गई र्हैं आैर हमसे रूठ कर जा रहीं हैं।
पुरानी मान्यता है कि गंगा जल में वो जीवन औषधि है जिससे कई असाघ्य रोगों का इलाज होता है। आज पटना की एक बड़ी आबादी गंगा के किनारे बसती है जो स्वच्छ जल का इस्तेमाल अपने नित्य कामों में करती है जिससे पानी में बैक्टीरिया और फीकल कालीफार्म की मात्रा हद से ज्यादा बढ़ गई है। जिससे की इस जीवादायनी दवा का असर भी खत्म हो गया है।
आज मां गंगा हमें छोड़ कर जा रही हैं। वो नाराज हैं अपने बेटों जिनके करतूत से मां का आंचल गंदा हो गया है। वो खफा हैं इस पापी दुनिया से जो उनके हीं आगोष में रहकर उनसे हीं दगा कर रहा है।------निषांत नंदन

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....