Monday, May 25, 2009

बिहार में दो सौ नए आईटीसी

बिहार में दो सौ नए औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र खोलने का रास्ता साफ हो गया है। इसके खुलने से राज्य में बीस हजार छात्र अब हर साल पा सकेंगे औद्योगिक प्रशिक्षण।

नए आईटीसी के प्रस्तावों को केन्द्र से मंजूरी मिलते हीं सूबे में केन्द्रों की संख्या 382 हो जाएगी। जबकि इस समय 117 केन्द्र काम कर रहे हैं। इसके अलावे 65 का प्रस्ताव केन्द्र के पास लंबित पड़ी है। कुछ पुराने औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्रों में सीट बढ़ाने का भी फैसला लिया गया है।
राज्य सरकार की रिपोर्ट के आधार पर केन्द्र सरकार की टीम के जायजा लेने के बाद हीं संस्थानों में नामांकन हो पाएगी। ये नये संस्थान पटना, नालंदा, खगड़िया, मधुबनी, वैशाली, भोजपुर, कटिहार, अररिया, दरभंगा, मोतिहारी, भागलपुर, बक्सर, जहानाबाद और मुंगेर जिले में खुलेंगे। हालांकि सरकार ने यह भी फैसला किया है कि एक साथ दो आईटीसी केन्द्र खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसका लाभ राज्य के हजारों वैसे छात्रों को मिलेगा जिनका एडमिशन आईटीसी में नहीं हो पाता था।


आइआइटी में बिहारी छात्रों की जय हो
( 10,035 विद्यार्थियों में 750 बिहारी सफल रहे )

जिस बिहार को पिछड़ा राज्य माना जाता था। वही बिहार फिर से अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहा है। इस बार के आइआइटी प्रवेश परीक्षा में सात सौ से अधिक विद्यार्थी की सफलता इसका प्रमाण है।

खुशीयां मनाते इन विद्यार्थियों को गौर से देखिए। लगता है इनके सपनों की दुनियां आज धरातल पर आ गई है। जी हां ये वही छात्र हैं जिनके लिए आइआइटी की तैयारी के लिए बाहर जाकर पढ़ना संभव नहीं था। क्योंकि ये विद्याार्थी कुछ कर दिखाने का जज्बा तो रखते थे। पर संसाधन और आर्थिक बोझ की वजह से इनके सपनों को नई उड़ान नहीं मिल पाती थी। इन लोगों के लिए बिहार पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी अभ्यानन्द ने एक नया प्रयोग कर दिखला दिया कि बिहारी विद्यार्थियों के पास आज भी तेज दिमाग है। जरूरत है सलीके से संवारने की

आइआइटी प्रवेश परीक्षा में बिहारी विद्यार्थी एक बार फिर अपनी मेधा का परिचय दिया है। इस परीक्षा में कुल दस हजार 35 विद्यार्थियों में सूबे के साढ़े सात सौ विद्यार्थी सफलता के परचम लहरा दिए। जिसमें पटना के रितिकेश ने अपने पहले हीं प्रयास में 39 वां स्थान प्राप्त किया। परीक्षा में बिहार से साढ़े चार हजार प्रतिभागी थे। पटना में सुपर थर्टी से जुड़े 30 विद्यार्थियों ने सफलता पायी है। अल्पसंख्यक विद्याार्थियों के लिए रहमानी थर्टी कोचिंग के सभी 10 विद्यार्थी सफल रहे। वहीं सुपर थर्टी से नाता तोड़ चुके वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी अभ्यानन्द ने त्रिवेणी सुपर थर्टी के जरीये 48 को दिलायी सफलता। इसके अलावा जिलों के कई जगहों से छात्रों को दिलायी सफलता।
बात जब प्रतिभा की हो तो बिहार को कैसे भुलाया जा सकता है। बस जरूरत है तो बिहार की प्रतिभा को पहचानने की उसे वक्त पर निखारने की

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....