लालच ने ली दोनों भाईयों की जान
कहते हैं कि जब आदमी की आंखों पर लालच का पर्दा पर जाए तो उसे कुछ भी नहीं सूझता है.......ऐसा ही पर्दा परा था दरभंगा के घनश्यामपुर गांव के दो भाइयों पर......... थोड़ी सी जमीन के लिए दोनों बन गये एक दूसरे के खून के प्यासे....... दोनांे ने एक दूसरे को लाठी से इतना पीटा कि दोनों की मौत हो गयी.......देहरी पर पड़ी ये लाशें मोहन और ललित यादव की हैं........ दोनों ही सहोदर भाई थे...... साथ-साथ पले बढ़े......... बचपन में एक के पांव में कांटा चुभता था तो दर्द दूसरे को महसूस होता था...... पर जवानी के चढ़ते ही आंखों पर लालच का ऐसा पर्दा चढ़ा कि दोनों एक दूसरे के खून के प्यासे बन बैठे.........और नतीजा सामने है......... खून के प्यासे बने दोनों भाइयों के मौत की खबर जंगल की आग की तरह आस-पास फैल गयी...... पहले तो किसी को यकीन भी नहीं हुआ कि खून का रिश्ता इतना कमजोर निकलेगा.....स्वार्थ और लालच ने इंसानी भरोसे की दीवार को इतना कमजोर बना दिया है कि उसे ढहने में पल भर नहीं लगता........
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