Sunday, May 31, 2009

बेवफा पति

एंकर-विवाह एक ऐसा पवित्र बंधन जिसमें बंधते हीं मानो जैसे लोगों के अरमानों के पांख हीं लग जाते हैं और वो उड़ चलते हैं अपनी प्रेम नगरी में हजारो कहे और अनकहे सपनों के साथ बेहतर कल के लिए। लेकिन औरंगाबाद नगर थानांतर्गत फारूखी मुहल्ले की कुसुम के लिए मानो कारवां गुजर गया, स्वप्न झरे फूल से, जब उसका मीत हीं चुभने लगा उसे शुल सा , लूट गए श्रृगार सारे अपने हीं बाग के बबूल से। जी हां हम बयां कर रहे हैं एक ऐसे हीं बदनसीब की दासतां।

वीओ 1-इन्हें देखिए ये हैं कुलसुम जो खुद हीं अपनी बदनसीबी की दास्तां बयां कर रही है। ऐसा नहीं है कि इनकी जिन्दगी का आगाज हीं बदनसीबी के साथ हुआ था। कभी इनके चेहरे पर भी खुशियां दस्तक दिया करती थीं और उड़ा करती थीं ये भी अपने हवा महल में उंची पेंगे मार-माकर अपने शौहर आबिद के साथ। पर उसे क्या पता था कि निकाह में मिल रहे सारे हकूकों के साथ उसे मिलने वाला है ऐ और हकूक-बदनसिबी का और जिसे दिलाने पर अमादा है उसका खुद का शौहर-आबिद कुरैशी।
कुलसुम की जिंदगी निकाह के बारह वर्षों बाद भी अच्छी भली कट रही थी लेकिन अचानक इनके शौहर को लगा अपनी हीं भाभी से दिल्लगी करने का शौक और ये शौक इस कदर आगे बढ़ गया कि उनके अवैध संबंध भी हो गए जो कुलसुम के लिए बदनसिबी की सुनामी से कम नहीं था। क्योंकि आबिद के अवैध रिश्ते को लेकर उन दोनों के बीच बराबर झगरे होते रहते थे। जुल्म की इंतहां तो तब हो गई जब आबिद ने सारी हदें पार कर रविवार को कुलसुम को मार-पीट कर उसके सारे गहने-कपड़े छीन कर पांच बच्चों समेत उसे घर से निकाल दिया।
गौरतलब है कि आबिद के इस शर्मनाक हर्कत में उसके घरवालों का भी सयिोग रहता था। घर से निकाले जाने पर विवश होकर कुलसुम ने कानून का सहारा लिया और अपने पति समेत सारे ससुराल वालों पर भी मुकदमा दर्ज करवा दिया है। पुलिस ने मामले की छानबीन करते हुए कुलसुम के बयान के आधार पर सभी लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कर लिया है और साथ हीं साथ उसकी सास को गिरफ्तार भी कर लिया है।
कहते हैं कि समय के साथ बदलाव लाजमी है... पर क्या कोई इस कदर बदल सकता है कि निकाह के बारह साल बाद भी अपने दिल के तार को कहीं और जोड़ कर अपनी बेगम और पांच बच्चों को सताने की इंतहां पार कर देता है। अगर बदलाव का एक उदाहरण यह भी हो सकता है जिससे किसी कि जिन्दगानी हीं लूट जाए तो हम तो यही दुआ करेंगे कि या खुदा हटा दे इस जिन्दगी से बदलाव की कहानी ताकि लिखी न जा सके इससे किसी और की बर्बादी की कहानी।

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....