Thursday, June 11, 2009

निबंधन पर खतरा

गलती है सरकार की और भुगतना पड़ सकता है मेडिकल कालेज के तीन प्राचार्यों को। मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया ने वर्द्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान,पावापुरी ,सरकारी मेडिकल कालेज ,बेतिया और मधेपुरा मेडिकल कालेज के प्राचार्यों से सवाल किया है कि वे प्रभार में ये पद कैसे संभाल सकते हैं। उन्हें चेतावनी दी गई है कि इसके लिए उनका निबंध रद्द किया जा सकता है।
धोकरी में पैसा नहीं,सराय में डेरा। मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की सीट बढ़ाने और तीन नये मेडिकल कालेज खोलने के मामले में बिहार सरकार का यही रवैया है। पढ़ाई के लिए न पूरे उपयुक्त टीचर हैं न संसाधन,फिर भी सरकार पहले से चल रहे मेडिकल कालेजों में छात्रों की सीट बढ़ाने पर अमादा है। पीएचसी के डाक्टरों को मेडिकल कालेजों में जैसे-तैसे बहाल कर सरकार ने एमसीआई को सुतुष्ट करना चाहा लेकिन कामयाबी नहीं मिली। एमसीआई ने इसे नामंजूर कर दिया है।
इसरी तरह जोगाड़ व्यवस्था के तहत तीन नये मेडिकल कालेजो में प्रभारी प्राचार्य नियुक्त कर दिये गये। पीएमसीएच के सर्जरी विभाग के प्राफेसर डा. आरपी सिंह को पावापुरी मेडिकल कालेज, मुजफ्फरपुर मेडिकल कालेज के प्राचार्य को बेतिया और भागलपुर मेडिकल कालेज के प्राचार्य को मधेपुरा मेडिकल कालेज का प्रभारी प्राचार्य बना दिया गया है। एमसीआई ने इनसे पूछा है कि येे किस तरह दो दायित्वों को निभा सकते हैं। इस गलती के लिए उनके निबंधन पर गाज गिर सकता है। एमसीआई की इस चेतावनी से सरकार के होश उड़ गये हैं।
एमसीआई ने अपने निरीक्षण में जो खामियां पायी हैं उससे सरकार की उममीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....