Wednesday, September 9, 2009

हिन्दी दिवस 14 सितंबर को
हिन्दी दिवस का इतिहास

हिन्दी दिवस प्रत्येक साल 14 सितम्बर को मनाया जाता है इसकी ष्षुरूआत 14 सितंबर 1949 मेंसविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी । इसी महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को हर क्षे़त्र में प्रसारित करने के लिए राष्टभाषा प्रचार समिति ,वर्धा के अनुरोध पर सन 1953 से सर्पूण भारत में 14 सितंबर को हर साल हिन्दी दिवस के रूप मंें मनाया जायेगा । हिन्दी इसके बाद संविधान में राजभाषा के संबंध में धारा 343 से 352 तक की गयी
हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किये जाने का औचित्य हिन्दी को राजभाषा का सम्मान कृपापूर्वक नही दिया गया , बल्कि यह उसका अधिकार है यहा अधिक विस्तार मंें जाने के की आवष्यकता नही । केवल राष्टपिता महात्मा गाॅधी द्वारा बताये गये निम्नलिखित लक्षणों पर दृष्टि डाल लेना ही पर्याप्त रहेगा जो राष्टीय भाषा के जरूरी होनी चाहिए
1 भाषा सरल होनी चाहिए
2 उस भाषा के द्वारा भारतवर्ष का आपसी धार्मिक ,आर्थिक , और राजनीतिक व्यवहार हो सकना चाहिए
ष्3 यह जरूरी है कि भारतवर्ष का बहुत लोग उस भाषा को बोलते है
4 राष्ट के लिए वह भाषा आसान होनी चाहिए
5 उस भाषा का विचार करते समय किसी क्षणिक या अल्प स्थायी स्थिति पर जोर नही देना चाहिए ।
और यह सब बाते हिन्दी में थी इसलिए यह बन गया राष्टभाषा और इसी राष्टभाषा को हमेषा याद करने के लिए और इसके अस्तित्व को बचायंे रखने के लिए हाल साल 14 सितंबर केा मनाया जाता है हिन्दी दिवस ।
हर साल की तरह इस साल 14 सितंबर यानि हिन्दी दिवस मनाने का दिन । आज हिन्दी को बढाने को लेकर कई तरह की सरकारी और गैरसरकारी आयोजन हिन्दी में काम को बढावा देने वाली विभिन्न प्रकार की घोषणाए । विभिन्न तरह के सम्मेलन इत्यादि-इत्यादि । अगर हम यह कह दे कई सारे पाखंड होगे तो कोई गलती नही होगी । हिन्दी की दुर्दषा पर घडियाली आॅसू बहाए जाएॅगे । हिन्दी में काम करने की झूठी ष्षपथे ली जाएगी और पता नही क्या क्या होगा । अगले दिन लेाग सब कुछ भूल कर अपने अपने काम में लग जाएगंे और हिन्दी वही की वही सिसकती झुठलाई व ठुकराई हुइ रह जाएगी ।

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....