डाॅक्टरों के कमाई का दूसरा जरिया
धनबाद जिले के डाॅक्टरों ने इन दिनों कमाई का दूसरा जरिया भी ढूंढ लिया है। एक तरफ जहां वो रोगियों से फीस के नाम पर मन माफिक पैसा वसूल रहे हैं। वहीं रोगियों को जांच के बहाने लैब में भेजकर लैब वालों से कमीषन भी कमा रहे हैं। यहां के डाॅक्टर जांच के बहाने रोगियों को उन्हीं लैब में भेजते हैं जो इन्हें कमीषन देते हैं।
सड़क पर डाॅक्टर साहब का पुर्जा लिए ये है सिकंदर। आज सुबह ही गांव से आए सिकंदर को उम्मीद थी कि वो शाम तक घर लौट आएगा। वो ढूंढ रहा है उस लैब को जहां उसे खून की जांच कराने के लिए कहा गया ह ैऔर वो भी पिछले दो घंटों से। ऐसा नहीं है कि डाॅक्टर ने उसे किसी अच्छे लैब में जाने के लिए कहा है। असल में धनबाद शहर के डाॅक्टरों ने कमीषन के पैसे कमाने के लिए अपना लैब चुन रखा है। जहां से उन्हें रोगियों के बदले लैब मालिकों से कमीषन मिलते हैंै। और ये हाल यहां इलाज कर रहे कमोवेष सभी डाॅक्टरों का है।
शहर के तकरीबन सभी जगहों पर आपको बड़े बड़े बोर्ड लगाए ये लैब दिख जाएंगे। जिनका काम रोगियों का सही इलाज करना नही बल्कि पैसा कमाना है। इन लैब मालिकों का काम आसान कर रहे हैं यहां के डाॅक्टर जो महज कुछ रुपयों की खातिर मरीजों की जिंदगी को दांव पर लगाने से भी नही हिचकते।
मरीज और डाॅक्टर के बीच का रिष्ता विष्वास की डोर से बंधा होता है। मरीज उन्हें भगवान की तरह मानते हंै कारण है कि वो उन्हें जिंदगी देते हैं। लेकिन महज कुछ रुपयों की खातिर डाॅक्टरों ने जो धंधा अपनाया है उससे ये रिष्ता आज टूटने की कगार पर है।
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