मदनी के लैपटाॅप में बिहार के कई बड़े नेताओं के नाम
लश्कर-ए तयबा के मदनी के लैपटाॅप में बिहार के कई बड़े नेताओं के नाम होने से खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। एजेंसियों ने इस मामले पर जांच शुरू कर दी है।
वही संगठन है जो देश को तंगो तबाह करता है। इसका काम है लोगों के बीच दहशत पैदा करना और लोगों के अमन चैन छिनना। मधुबनी का रहने वाला मो.उमर मदनी दिल्ली में पकड़ा गया। लेकिन चैकाने वाली बात तो तब हुई जब उसके पास से बरामद लैपटाॅप में बिहार के एक
अल्पसंख्यक कद्दावर नेता का नाम सामने आया। जिन्होंने मदनी और उसके साथियों को राज्य में पनाह दी है। ई उहे मदनी है जिसका भाई मो. जुहैद 1980 में हरलाखी विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। जो जेएनयू में अरबी के प्रोफेसर हैं।
हालांकि मदनी के संपर्क में अभी भी इलाके के दर्जनों युवक हैं, जो बाहर कमाने के नाम पर आतंकी गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं। खुफिया एजेंसी को शक है कि मदनी के संसर्ग में आए युवक नेपाल के रास्ते पाकिस्तान जाकर प्रशिक्षण लेते हैं। मुम्बई की लोकल ट्रेन में 2006 में सीरियल बम ब्लास्ट से लेकर कई बम ब्लास्टों में इसका नाम आया है। मदनी की बुढ़ी मां आजो अपने गांव में ही रहती है। इसके पांचो बेटे बाहर कमाने चले गए थे। पर इसे क्या मालूम कि इसका बेटा कौन सी तालिम ले रहा था। मदनी के पिता नेपाल में मदरसा चलाते थे।
1996 से ही आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने वाले मदनी के लैपटाॅप से कई और सफेदपोसों के नाम का खुलासा होना बाकी है। लेकिन जल्द ही पता चल जाएगा कि सफेदपोस बनकर काले कारनामे करने वाले वो चेहरे कौन हैं?
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