विकलांग बनेंगे आत्मनिर्भर
अब बात विकलांग लोगों की जो अपनी मेहनत की बदौलत पैसा कमा सकेंगे। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के तहत सरकार ने विकलांगों को सौ दिनों का रोजगार देने का फैसला लिया है। इसका फायदा बूढ़े, महिला और बीपीएल सूची के तहत आने वाले लोगों को भी मिलेगा।
दोनो पैरों से विकलांग यह हैं अनिल भगत । कल तक अनिल पैसों के लिए अपने बेटे पर निर्भर थे, लेकिन अब वह खुद कमा सकेंगे। उन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के तहत काम मिलेगा। बिहार सरकार ने अपंग, वृद्ध, विधवा और बीपीएल सूची में शामिल लोगों को भी नरेगा से जोड़ने का फैसला किया है। इन लोगों को सामाजिक वानिकी और बागवानी के माध्यम से सौ दिनों का रोजगार दिया जायेगा।
सरकार की इस योजना से विकलांगों या वृद्धों की कमाई के साथ ही पर्यावरण को संतुलित करने में भी फायदा मिलेगा। इस योजना के तहत चार लोगों का एक समूह बनाया जायेगा, जो एक पंचायत में साल में कम से कम एक हजार पेड़ लगायेंगे। नरेगा के माध्यम से शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए पहल करनेवाला पटना पहला जिला बनेगा। सरकार के इस पहल से वे लोग काफी खुश हैं जो शारीरिक अक्षमता के कारण समाज में अपने आप को उपेक्षित महसूस करते थे।
गांव के बेरोजगारों के पलायन को रोकने के लिए सरकार द्वारा चलाये गये राष्ट्रीय गा्रमीण रोजगार योजना में भारी अनियमितता देखी गई है। अब देखना होगा कि शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए शुरू की गई यह योजना कब तक लागू होती है और कितने लोगों को इसका लाभ मिल पाता है ?
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