नर्सिंग होम का गोरख धंधा
बीमारी और ईलाज के नाम पर ठगे जा रहे हैं बगहा, बेतिया , मोतिहारी के मरीज। पैसा कमाने के लिए डाॅक्टरों ने फैला रखे हैं दलाल और धड़ल्ले से चला रहे हैं अवैध नर्सिंग होम ।
चंपारण के बगहा, बेतिया, मोतिहारी में ऐसे कई नर्सिंग होम हैं, जहां हर कदम पर मिलते हैं पैसे वसूलने वाले कमीशनखोर । ये लेते हैं मरीजों की जिन्दगी की गारंटी , लेकिन उनकी जेबें टटोलकर। यहां गेट से लेकर आॅपरेशन टेबुल तक वसूला जाता है कमीशन।
जहां एक तरफ डाॅक्टरों का पेशा होता है सेवा करना , वहीं दूसरी ओर ये पैसे की डिमांड पूरी न होने पर मरीज को आपरेशन टेबुल पर तड़पते हुए ही छोड़ देते हैं,। अगर इनकी मांगे पूरी नहीं होतीं हंै तो इनका आखिरी उपाय होता है पटना, गोरखपुर या मुजफ्फरपुर मरीज को रेफर कर देना। हद तो ये है कि अब कुछ झोलाझाप डाॅक्टरांे ने बगहा में बैठ पटना के डाॅक्टर के नाम से प्रैक्टिस भी करनी शुरू कर दी है।
पष्चिम चंपारण जिले के सिर्फ बेतिया में ही लगभग डेढ़ सौ नर्सिंग होम हैं और सरकारी महकमे के मुताबिक इनमें से केवल तीन ही पंजीकृत हैं। ये तीन कौन कौन से हैं इसकी जानकारी शायद विभाग भी ना दे पाये। अस्पताल रोड , चर्च रोड , कोतवाली चैक, उतरवारी पोखरा, छावनी चैक और पत्थरी घाट स्थित बिना पंजीयन वाले नर्सिंग होम में हर तरह की जांच से लेकर आपरेशन तक हो रहे हैं। वो भी भगवान भरोसे । इस तरह के अवैध नर्सिंग होम पर कार्रवाई करने की सरकार ने घोषणा तो कई बार की है , लेकिन ये काम बदस्तूर जारी है।
क्या हो उन मरीजों का जहां के डाॅक्टर ही घूसखोर हों। पेशे के नाम पर ठगने कीे कोई नई बात नहीं । प्रशासन इन पर कार्रवाई करने की बात तो करती है लेकिन कार्रवाई के नाम पर एक खानापूर्ति ही होती है। तो फिर सारी बातांे को जानते हुए प्रशासन चुप क्यों है । यह अपनेआप में ही एक बड़ा सवाल है।
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