Friday, June 12, 2009

मेहतर समुदाय के लोग पढ़ना लिखना सीख रहे है

अब बात पष्चिम चंपारण के रामनगर की जहां मेहतर समुदाय के लोग न सिर्फ पढ़ना लिखना सीख रहे है बल्कि कंप्यूटर चलाने और फ्रिज बनाने का प्रषिक्षण ले अपने पांव पर खड़े हो रहे हैं। इनके इस काम में मदद कर रही है गांव की ही एक स्वयंसेवी संस्था।
कंप्यूटर पर डाटा इंट्री का काम सिखते ई रामनगर के राजू भूइया हैं। 40 साल के राजू मेहतर समाज से आते हैं। इन्होंने बचपन में स्कूल का मुॅह नहीं देखा। वैसे भी इनकी जाति के लोगांे को गांव में पहले अच्छी नजरों से नहीं देख जाता था। राजू जब भी पढ़े लिखें लोगों को देखते इन्हे न पढ़ पाने का गम सालने लगता। इसी बीच इनकी मुलाकात मनोज वर्मा नामक आदमी से हुई। इसके बाद इनके जीवन की दिषा ही बदल गई। इन्होंने पढ़ना- लिखना तो सीखा ही साथेसाथे कंप्यूटर एकाउंटेंसी सीखने के बाद ई इससे कमा भी रहे हैं।
रामनगर में राजू अकेले नहीं ऐसे मेहतर समाज के 55 से ज्यादा लोग इन दिनों फ्रीज, एसी, मोटर बैडिंग और कंप्यूटर का प्रषिक्षण लेकर अपने पांव पर खड़े होने की तैयारी में है। इस काम में मदद करने वाली संस्था के संचालक मनोज वर्मा कहते हैं कि वो ऐसे लोगों की मदद करना चाहते थे जो कमजोर हैं इसके लिए ही मेहतर समुदाय के लोगों को चुना।
पढ़ना -लिखना सीख लेने के बाद अब इन लोगों की कद्र गांव में भी खुब होने लगी है। इससे जहां जात- पात की दीवार ढह रही है वही लोगों को मिल रही है कुछ बेहतर करने की प्रेरणा।

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HIMMAT SE KAM LOGE TO ZMANA V SATH DEGA...HO GAYE KAMYAB TO BCHACHA-BCHCHA V NAM LEGA.....MAI EK BAHTE HWA KA JHOKA HU JO BITE PAL YAD DILAUNGA...HMESHA SE CHAHT HAI KI KUCHH NYA KAR GUZRNE KI...MAI DUNIA KI BHID ME KHONA NHI CHAHTA....